दिल्ली के परिवार ने माता चिंतपूर्णी को चढ़ाया 30 किलो चांदी का छत्र, 30-35 लाख है कीमत
हिमाचल प्रदेश के ऊना में मां चिंतपूर्णी के दरबार में दिल्ली के रहने वाले एक परिवार ने 30 किलो चांदी का छत्र चढ़ाया है। इसकी जानकारी मंदिर ट्रस्ट ने दी। इसकी कीमत 30-35 लाख रुपए बताई जा रही है।
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित शक्तिपीठ मां चिंतपूर्णी के दरबार में रोजाना लाखों भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। अपनी खुशी से कई भक्त माता के चरणों में सोने-चांदी की ज्वेलरी से लेकर नकद तक चढ़ाते हैं। ऐसे ही दिल्ली में रहने वाले माता के भक्त ने 30 किलो चांदी का छत्र चढ़ाया है। इसकी जानकारी गुरुवार को मंदिर ट्रस्ट ने दी। ट्रस्ट के मुताबिक, दिल्ली के दविंदर भल्ला ने कहा कि उन्होंने इससे पहले कांगड़ा जिले में माता ज्वाला जी के मंदिर में भी ऐसा ही छत्र चढ़ाया था।
यह परिवार राजधानी दिल्ली के जवाहर पार्क इलाके में रहता है। भल्ला ने बताया कि उनकी एक मनोकामना था जिसके पूरा होने पर उन्होंने छत्र चढ़ाया है। मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि वे छत्र को स्थापित करने के लिए उचित स्थान की तलाश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि बाजार में इसकी कीमत 30-35 लाख है। यह शक्तिपीठ चिंतपूर्णी मंदिर में साल भर देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इससे पहले पंजाब के एक परिवार ने मंदिर को 35 किलो चांदी दान में दी थी।
कौन हैं चिंतपूर्णी माता
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित चिंतपूर्णी माता को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। शिवपुराण की कथा के अनुसार, जब भगवान शिव माता सती के शव के साथ तीनों लोकों का भ्रमण कर रहे थे तब भगवान विष्णु ने सती के शरीर को अपने सुदर्शन चक्र से अलग-अलग कर दिया था। जिन स्थानों पर माता सती के अंग गिरे वे शक्तिपीठ के नाम से जाने जाते हैं। माना जाता है कि इस स्थान पर सती के पैर गिरे थे। ये देवी छिन्नमस्तिका का भी स्थान है। इसलिए माता चिंतपूर्णी को छिन्नमस्तिका धाम के नाम से भी जाना जाता है। चिंतपूर्णी के मतलब होता है चिंताओं को दूर करने वाली देवी।
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