Hindi Newsहिमाचल प्रदेश न्यूज़Complaint against Siren noise in Shimla since British era even police is surprised

शिमला में अंग्रेजों के जमाने से हो रहे 'शोर' के खिलाफ शिकायत, कार्रवाई को लेकर असमंजस में पुलिस

शिकायतकर्ता का कहना है कि जिला प्रशासन से जब सायरन बजाने की अनुमति के बारे में पूछा गया तो एडीएम कानून व्यवस्था ने साफ कहा कि इस प्रकार की कोई अनुमति जिला प्रशासन की ओर से नहीं दी गई है।

Admin लाइव हिंदुस्तान, शिमलाWed, 17 July 2024 10:01 PM
share Share

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में रोजाना ऑफिस टाइमिंग के दौरान सुबह व शाम को बजने वाले सायरन के खिलाफ पुलिस में शिकायत की गई है। शिकायतकर्ता महिला ने सायरन बजने से होने वाले ध्वनि प्रदूषण का हवाला देते हुए शहर के दो थानों में शिकायत दर्ज करवाई है। इस शिकायत मिलने से पुलिस भी हैरान है और उसने सायरन बजाने वाले सरकारी विभागों से पत्राचार कर इस सम्बन्ध में जवाब मांगा है। साथ ही पुलिस सायरन को लेकर कानूनी पहलुओं पर भी विचार कर रही है, क्योंकि यह मामला सीधे तौर पर प्रशासन व सरकार से जुड़ा है। 

शहर के दो पुलिस थानों सदर व छोटा शिमला में दी शिकायत में मानवाधिकार कार्यकर्ता सुमन कदम ने सायरन बजाए जाने की परम्परा पर सवाल खड़े किए हैं, साथ ही यह भी कहा है कि इसकी तीखी आवाज से शहरवासी परेशान हो रहे हैं और खासकर बुजुर्गों व बीमार लोगों के लिए यह बेहद नुकसानदायक है।

दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने सायरन बजाए जाने को गैर कानूनी ठहराते हुए इसके लिए जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने की भी मांग की है। अपनी शिकायत में महिला ने तर्क दिया है कि आज के तकनीकी युग में ऑफिस टाइमिंग के लिए सायरन बजाना तर्गसंगत नहीं है, क्योंकि सभी के पास मोबाइल व घड़ियां हैं और किसी को भी ऑफिस टाइमिंग की सूचना देने की जरूरत नहीं है। 

तय मानकों से ज्यादा है बज रहे सायरनों की आवाज

सर्वोच्च न्यायालय व हिमाचल सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की ध्वनि बजाने के लिए इसकी मात्रा 55 डेसिबल निर्धारित की गई है, जबकि शिमला शहर के सी.टी.ओ. कार्यालय और छोटा शिमला में राज्य सचिवालय के समीप पुलिस थाना के पीछे दीवार पर लगे सायरन की ध्वनि इससे कहीं अधिक है। छोटा शिमला में लगे सायरन की ध्वनि को मापा गया तो यह 89.3 डेसिबल पाई गई, जबकि सी.टी.ओ. में लगे भौंपू की ध्वनि की मात्रा 88.30 डेसिबल पाई गई। 

इस संबंध में शिकायतकर्ता महिला ने पुलिस थाना छोटा शिमला व सदर पुलिस थाना शिमला में इनकी शिकायत देते हुए हिमाचल प्रदेश इंस्ट्रूमैंटल्ज (कंट्रोल ऑफ नोइसेज) एक्ट-1969 की धारा-3 के तहत FIR दर्ज करने को लेकर शिकायत पत्र भेजा है। शिकायतकर्ता का कहना है कि इस संबंध में जब जिला प्रशासन से इसकी अनुमति के बारे में पूछा गया तो ए.डी.एम. कानून व्यवस्था ने साफ कहा है कि इस प्रकार की कोई अनुमति जिला प्रशासन की ओर से नहीं दी गई है। यानी जो सायरन लंबे समय से शिमला में बज रहे है, वह पूरी तरह से गैर कानूनी है। 

आधुनिक व डिजिटल युग में सायरन बजाना नहीं तर्कसंगत: सुमन

शिकायतकर्ता ने कहा है कि किसी भी प्रकार की ध्वनि या फिर डीजे आदि बजाने के लिए एक निर्धारित मापदंड सुनिश्चित किए गए हैं, जिसके तहत सिर्फ संबंधित भवन के भीतर ही निर्धारित की गई ध्वनि की मात्रा में यह बजाए जा सकते हैं, जबकि इसके बाहर बजाने से सर्वोच्च न्यायालय ने इसे गलत करार दिया है। उन्होंने तर्क दिया है कि आज के तकनीकी युग में ऑफिस टाइमिंग के लिए सायरन बजाना तर्गसंगत नहीं है, क्योंकि सभी के पास मोबाइल व घडियां हैं और किसी को भी ऑफिस टाइमिंग की सूचना देने की जरूरत नहीं है।

युद्ध के समय और कामगारों के लिए बजाने की थी परंपरा

फिल्मों में आज भी सायरन बजने के सीन्स देखने को मिल जाते हैं, जिसमें युद्ध के समय सचेत रहने या उद्योगों, ईंट भट्टों, कोयले की खानों आदि में काम करने व छुट्टी का संकेत देने के तौर पर इन्हें बजाया जाता है। पहले के जमाने में जब न तो फोन होते थे और न ही लोगों के पास घडियां होती थीं, तब सायरन बजाकर ही उन्हें सचेत किया जाता था। शिमला में अंग्रेजों के जमाने से यह सायरन आज भी लगातार बज रहे हैं, जबकि आधुनिक समय में सभी के पास मोबाइल, घडियां व अन्य डिजिटल सामग्री मौजूद है। 

इस मामले में शिमला पुलिस का कहना है कि शिकायत के आधार पर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। जिला प्रशासन के सम्बंधित विभाग के अधिकारियों और राज्य सचिवालय के सामान्य प्रशासन से पत्राचार के जरिये जवाब मांगा गया है। यह व्यवस्था पहले से चल रही है। इस बारे पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। 

शिकायतकर्ता सुमन कदम ने इस मामले में शहर एसपी शिमला संजीव गांधी से भी भेंट की है और एसपी ने पुलिस थाना प्रभारियों को अपने कार्यालय में तलब करके इस पर कार्रवाई करने के निर्देश भी जारी किए हैं।

रिपोर्ट: यूके शर्मा 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें