Hindi Newsहिमाचल प्रदेश न्यूज़She left New York and returned to India became an IPS officer and opened an evening school Who is SP Ilma Afroz

न्यूयॉर्क छोड़ लौटीं भारत, IPS बनकर खोला इवनिंग स्कूल; कांग्रेस MLA से भिड़ने वालीं SP इल्मा अफरोज़ कौन

इस बार जगह थी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी। इल्मा की मेहनत वहां भी बरकरार थी। इसका फल जल्दी मिला और एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत पेरिस पहुंची और फिर न्यूयॉर्क में एक प्रोग्राम का हिस्सा बनीं।

Ratan Gupta लाइव हिन्दुस्तान, बद्दीMon, 18 Nov 2024 02:50 PM
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हिमाचल प्रदेश पुलिस मुख्यालय की तरफ से प्रेस नोट जारी किया गया। विषय है, जिला बद्दी में कमांडेंट एचपीपीएस की अस्थाई तैनाती। यहां की अधिकारी 15 दिनों के लिए अर्जित अवकाश पर हैं। महिला अधिकारी का नाम है, इल्मा अफरोज़। महिला अधिकारी के अवकाश को लेकर मीडिया और अन्य जगहों पर तमाम तरह की अफवाहें जारी हैं। वजहें कई हैं। इन्हीं अफवाहों और अटकलों को खारिज करने के लिए हिमाचल पुलिस ने लिखित नोट जारी किया है। आइए जानते हैं कौन हैं इल्मा अफरोज और इस समय किन वजहों से चर्चा में हैं...

पिता की मृत्य और बेटी इल्मा की काबीलियत

उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद की इल्मा के पिता की मृत्यू बहुत पहले हो गई थी। उस समय उनकी उम्र 14 साल थी। सारा बोझ मां के कंधों पर आ गया। मां ने बेटी इल्मा और उनके भाई को संभाला और पढ़ाया-लिखाया। इल्मा शुरूआती दिनों से ही पढ़ने में होशियार थीं। जल्द ही इसकी झलकियां दिखने लगीं। बचपन से ही अच्छी इंग्लिश बोलना इसका एक नमूना भर था। शुरुआती पढ़ाई मुरादाबाद से करने के बाद दिल्ली का रुख किया और देश के नामी कॉलेज में दाखिला हुआ।

दिल्ली से पेरिस, इंग्लैंड और न्यूयॉर्क तक का सफर

इल्मा का दाखिला दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज में हुआ। मां की परवरिश और बेटी की मेहनत रंग ला रही थी। स्टीफन से फिलॉस्फी में ग्रेजुएशन करने के बाद स्कॉलरशिप मिली और आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाने का मौका मिल गया। इस बार जगह थी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी। इल्मा की मेहनत वहां भी बरकरार थी। इसका फल जल्दी मिला और उन्हें एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत पेरिस जाने का मौका मिला और फिर न्यूयॉर्क में एक प्रोग्राम में हिस्सा लिया। और अच्छे पैकेज की नौकरी मिल गई।

SP Ilma Afroz

सब छोड़कर लौटीं भारत, फिर शुरू किया नया सफर

मगर आगे सब कुछ वैसा नहीं चला जैसा चल रहा था। इल्मा सबकुछ छोड़कर भारत आ गईं और सिविस सर्विस की तैयारी शुरू कर दी। साल था 2017। इल्मा ने परीक्षा पास कर ली। रैंक थी 217। उन्हें आईपीएस की पोस्ट मिली। ट्रेनिंग हुई और कैडर मिला हिमाचल। यहां से एक नए सफर की शुरूआत हुई। एक रोज़ दफ्तर आईं और बच्चे को देखा, तो पता चला यहां ऐसे कई बच्चे हैं जो पढ़ाई-लिखाई में पिछड़ रहे हैं। वजह गरीबी। इस कारण स्कूल नहीं जाते। अफसर इल्मा ने दफ्तर में ही इवनिंग स्कूल खोला और बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। इस बीच धीरे-धीरे वो अपने ऑफीशियल कामों के लिए भी पहचानी जाने लगीं।

फायरिंग कांड और गाड़ियों के चालान काटने से आईं चर्चा में

इल्मा की तैनाती बद्दी में बतौर एसपी थी। यहां उन्होंने ताबड़तोड़ एक्शन लिए। इसमें विधायक की पत्नी को भी नहीं छोड़ा। इससे कांग्रेस एमएलए की तरफ से नाराजगी जाहिर हुई और विवाद बढ़ गया। दरअसल इल्मा ने विधायक रामकुमार चौधरी की पत्नी की माइनंग से जुड़ी गाड़ियों के चालान काट दिए थे। दूसरा विवाद बद्दी में फायरिंग कांड से जुड़ा था। वहां के एक स्क्रैप कारोबारी राम किशन ने अपनी ही गाड़ियों पर गोलियां चलवाईं। (इस बात का खुलासा बाद में इल्मा को हुआ था।) कारोबारी की मांग थी कि उसे इंडिया गन का लाइसेंस दिया जाए। मगर इल्मा ने पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए ऐसा करने से मना कर दिया था। हालांकि उनके ऊपर दोनों ही मामलों में काफी दबाव बनाया गया था।

विधायक से विवाद के बाद सामान समेटकर लौटीं मुरादाबाद

अब बतातें हैं उस प्रेस नोट का जो हिमाचल प्रदेश पुलिस ने जारी किया है। इसमें बताया गया है कि अपनी माता की देखभाल के लिए इल्मा ने 7 नवंबर 2024 से लेकर 21 नवंबर 2024 तक 15 दिनों का अर्जित अवकाश लिया है। इस दौरान विनोद कुमार जिला बद्दी में पुलिस संचालन की निगरानी करने के लिए अस्थाई तौर पर तैनात किए गए हैं। इल्मा के अवकाश से लौटने तक विनोद कुमार ही पुलिस कार्यों की देखभाल करेंगें। दरअसल विधायक से विवाद के बाद उन्होंने अपना सामान समेट लिया था और अपनी माका के साथ यूपी के मुरादाबाद लौट आई थीं।

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