हिमाचल में भीषण सर्दी, शून्य से 9 डिग्री नीचे तक पहुंचा पारा; तीन दिन बारिश-बर्फबारी की भविष्यवाणी
- हिमाचल प्रदेश में नवंबर के महीने में भीषण सर्दी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। पहाड़ों से लेकर मैदानी हिस्सों तक भयंकर सर्दी पड़ रही है। जनजातीय इलाकों में तापमान शून्य से 9 डिग्री नीचे तक गिर चुका है।
हिमाचल प्रदेश में नवंबर के महीने में भीषण सर्दी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। पहाड़ों से लेकर मैदानी हिस्सों तक भयंकर सर्दी पड़ रही है। जनजातीय इलाकों में तापमान शून्य से 9 डिग्री नीचे तक गिर चुका है, जबकि मैदानी इलाकों में भी कड़ी सर्दी का असर महसूस किया जा रहा है। हिल स्टेशनों में भी ठंड बढ़ गई है। मनाली में पारा 3 डिग्री से नीचे पहुंच गया है, जिससे लोगों को घरों में भी ठंड का सामना करना पड़ रहा है।
23 से 25 नवंबर तक बारिश व बर्फबारी की भविष्यवाणी
मौसम विभाग ने आगामी दिनों में ठंड के और बढ़ने की आशंका जताई है। राज्य के अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में 23 से 25 नवंबर (तीन दिन) तक बारिश व बर्फबारी का दौर चलने का अनुमान है, जिससे शीतलहर तेज होगी। हालांकि इससे राज्य में पिछले डेढ़ माह से अधिक समय से चल रहा ड्राई स्पेल खत्म होगा और किसान-बागवान राहत की सांस लेंगे।
अगले दो दिन घना कोहरा
मौसम विभाग ने अगले दो दिन यानी 20 व 21 नवम्बर को मैदानी जिलों बिलासपुर और मंडी में घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है। मंगलवार को मंडी जिला के सुंदरनगर में कोहरा छाने से सुबह के समय दृश्यता 500 मीटर रही। राजधानी शिमला सहित राज्य के अन्य स्थानों पर आज धूप खिली है, हालांकि धूप में गर्माहट कम महसूस की जा रही है।
सोमवार को सीजन की सबसे ठंड रात
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार की रात सीजन की सबसे ठंडी रात रही। राज्य के चार शहरों का न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया। लाहौल-स्पीति जिला का ताबो सबसे ठंडा स्थल रहा, जहां विंटर सीजन में पारा पहली बार -9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। एक रात में यहां का तापमान 4.2 डिग्री नीचे लुढ़क गया। इसी जिला के कुकुमसेरी, केलंग और समधो में न्यूनतम तापमान क्रमशः -3.2 डिग्री, -2.3 डिग्री व -1.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ठंड के कहर से जिला में नदी-झरने व प्राकृतिक जलस्रोतों का पानी जम गया है। अत्यधिक ठंड पड़ने से दर्रों में सड़कों पर बर्फ जम गई है। जिला प्रशासन ने लाहौल से स्पिति को जोड़ने वाला कोकसर से लोसर (एनएच-505 पर) सड़क, दारचा-सरचू (एनएच-03 पर) और दारचा-शिंकुला सड़क मार्ग पर आज से यातायात की आवाजाही बंद कर दी है।
मौसम विभाग ने कहा है कि राज्य के कई शहरों का न्यूनतम तापमान सामान्य से 1 से दो डिग्री नीचे चला गया है। राज्य का औसतन न्यूनतम तापमान सामान्य से 0.5 डिग्री नीचे दर्ज किया गया।
कहां कितना पारा
शिमला में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री, सुंदरनगर में 6.6 डिग्री, भुंतर में 3.2 डिग्री, कल्पा में 0.4 डिग्री, धर्मशाला में 9, ऊना में 5.8 डिग्री, पालमपुर में 6 डिग्री, सोलन में 5.6 डिग्री, मनाली में 2.7 डिग्री, कांगड़ा में 7 डिग्री, मंडी में 7.8 डिग्री, हमीरपुर में 7.4 डिग्री, चंबा में 7.2 डिग्री, डल्हौजी में 7.8 डिग्री, बिलासपुर में 9 डिग्री, जुब्बड़हट्टी में 8.2 डिग्री, कुफ़री में 6.8 डिग्री, नारकंडा में 4.4 डिग्री, भरमौर में 5.8 डिग्री, रिकांगपिओ में 2.7 डिग्री, सियोबाग में 3.3 डिग्री और कसौली में 9.3 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि अगले तीन यानी 20, 21 व 22 नवम्बर को मौसम साफ बना रहेगा। इसके बाद पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि 23 से 25 नवम्बर तक मध्ययवर्ती इलाकों में वर्षा व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फ गिरने की संभावना है। लाहौल-स्पीति, कुल्लू, चम्बा और कांगड़ा जिला के ऊंचे इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। इसके अलावा मध्यम ऊंचाई वाले स्थानों पर वर्षा होने की उम्मीद है।
सितंबर के आखिरी हफ्ते के बाद नहीं बरसे बादल
बता दें राज्य में सितंबर के आखिरी हफ्ते के बाद बारिश नहीं हुई है। अक्टूबर में सामान्य से 98 फीसदी कम वर्षा हुई। इसी तरह नवम्बर में भी बादल नहीं बरसे। इससे कई जिलों में सूखे की स्थिति पनप रही है और इसका फसलों व फलों पर प्रतिकूल असर देखा जा रहा है। बारिश न होने से 90 फीसदी भूमि पर गेहूं की बिजाई नहीं हो पाई है। इसके अलावा राज्य की पेयजल परियोजनाओं का जलस्तर भी घट रहा है।
रिपोर्ट: यूके शर्मा
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