कहां तक पहुंचा संजौली मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने का काम? सामने बड़ी चुनौती
Sanjauli Masjid Controversy: सुर्खियों में बनी शिमला की संजौली मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने के काम के बीच एक बड़ी चुनौती सामने आई है। इस रिपोर्ट में जाने कहां तक पहुंचा ध्वस्तीकरण का काम?
सुर्खियों में बनी शिमला की संजौली मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने का काम जारी है। नगर निगम आयुक्त कोर्ट के आदेश पर मस्जिद कमेटी अवैध हिस्से को ध्वस्त करने के कार्य में जुटी है। इसके लिए तीन-चार मजदूर लगाए गए हैं। ध्वस्तीकरण के तीसरे दिन मजदूरों ने मस्जिद की एटीक यानी टॉप फ्लोर पर बनी टिन की छत को हटा दिया है। इसको हटाने के लिए मजदूरों को दो दिन से ज्यादा टाइम लग गया। मस्जिद की एटिक से अब लोहे के एंगल हटाने का काम बचा है।
सामने बड़ी चुनौती, लटक सकता है काम
इसके बाद दो अवैध मंजिलें तोड़ने का काम शुरू होगा। इसके लिए ज्यादा मजदूरों की जरूरत पड़ेगी। चूंकि मस्जिद रिहायशी इलाके में बनी है इसलिए ध्वस्तीकरण में जेसीबी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। संजौली मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने का काम अधर में लटक सकता है। ध्वस्तीकरण के काम में फंड की कमी आड़े आ रही है। इससे काम तेज गति से नहीं हो रहा है। अब तक केवल ऊपरी हिस्से के छत की चादरों को हटाया गया है। अभी तक तोड़फोड़ का काम शुरू नहीं हो पाया है।
काफी संख्या में मजदूरों की जरूरत
दरअसल, मस्जिद रिहायशी इलाके में बनी है। आसपास कई भवन हैं। ऐसे में अवैध तीन मंजिलों को गिराने के लिए काफी संख्या में मजदूरों की जरूरत है। कोर्ट ने ध्वस्तीकरण के काम के दौरान आसपास के भवनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मस्जिद कमेटी को निर्देश दिए हैं। मस्जिद कमेटी के पास फंड की कमी है। मस्जिद कमेटी का कहना है कि ध्वस्तीकरण के काम में लाखों का खर्चा आना है। उनके पास इतना फंड नहीं है।
लग सकते हैं तीन से चार महीने
संजौली मस्जिद कमेटी के प्रधान लतीफ मोहम्मद ने कहा कि फंड की व्यवस्था की जा रही है। हमें राज्य सरकार और अन्य किसी संस्था से मदद नहीं मिली है। काम करने के लिए काफी फंड की जरूरत है, ऐसे में अवैध हिस्से को तोड़ने में तीन से चार महीने का समय लग सकता है। अगली सुनवाई में कोर्ट से अतिरिक्त समय देने का आग्रह किया जाएगा।
आर्थिक मदद को तैयार: कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह
मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने में मस्जिद कमेटी के पास आ रही फंड की कमी पर प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि अब तक मस्जिद कमेटी इस मुद्दे पर उनके पास मुलाकात करने के लिए नहीं आई है। यदि भविष्य में वे मुलाकात करने के लिए आते हैं, तो वह जरूर उनकी मदद करेंगे। कांग्रेस सबकी मदद करने के लिए ही जानी जाती है। वह आर्थिक रूप में और श्रमदान के रूप में मदद करने के लिए तैयार हैं।
लीपापोती की जा रही: देवभूमि संघर्ष समिति
मस्जिद के खिलाफ आंदोलन करने वाली देवभूमि संघर्ष समिति ने ध्वस्तीकरण की रफ्तार पर सवाल उठाए। देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण ने कहा कि मस्जिद को तोड़ने का काम तेज गति से नहीं हो रहा है। जब मस्जिद निर्माण हुआ था तब फंड कंहा से आ गया था। तीन दिन में केवल टीन की चादरें हटाई गई हैं। सनद रहे नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को अपने खर्चे पर अवैध हिस्से को गिराने के आदेश दिए हैं। इसके लिए दो माह का समय दिया गया है।
रिपोर्ट- यूके शर्मा
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