संजौली मस्जिद मामला: अदालत ने वक्फ बोर्ड से मांगा मस्जिद कमेटी का ब्यौरा, अगली सुनवाई 22 को
अदालत ने वक्फ बोर्ड से मस्जिद कमेटी का ब्यौरा तलब किया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण शर्मा की अदालत ने वक्फ बोर्ड से जवाब मांगा है कि संजौली मस्जिद में कोई कमेटी क्रियाशील है या नहीं।
शिमला के उपनगर संजौली की चर्चित मस्जिद मामले की सोमवार को जिला एवं सत्र अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने वक्फ बोर्ड से मस्जिद कमेटी का ब्यौरा तलब किया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण शर्मा की अदालत ने वक्फ बोर्ड से जवाब मांगा है कि संजौली मस्जिद में कोई कमेटी क्रियाशील है या नहीं। दरअसल याचिकाकर्ता मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी के सदस्य व ऑल हिमाचल मुस्लिम लीग के प्रवक्ता नज़ाक़त अली हाशमी ने अदालत में दायर की गई अपील में दावा किया है कि संजौली मस्जिद कमेटी पंजीकृत नहीं है और इस मसले पर फैसले का अधिकार मस्जिद कमेटी के प्रधान मोहम्मद लतीफ को नहीं है। ऐसे में मोहम्मद लतीफ की ओर से नगर निगम आयुक्त कोर्ट में दायर किया गया हलफनामा गैरकानूनी है।
कोर्ट ने पूछा, संजौली मस्जिद कमेटी बनी है या नहीं
याचिकाकर्ता मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी के अधिवक्ता विश्व भूषण ने बताया कि आज सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया है कि संजौली मस्जिद में कोई भी कमेटी नहीं बनी है। सलीम और मोहम्मद लतीफ कभी भी मस्जिद कमेटी के प्रधान नहीं रहे और ये दोनों वक्फ बोर्ड एक्ट की धारा 18 के तहत मस्जिद कमेटी के अधिकृत पदाधिकारी नहीं हैं। ऐसे में वे नगर निगम आयुक्त की कोर्ट में मस्जिद मामले में पेश नहीं हो सकते थे। लेकिन नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने सुनवाई में इस बात को नहीं देखा कि ये दोनों किस हैसियत से कोर्ट में पेश हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला अदालत ने वक्फ बोर्ड से पूछा है कि वो बताए कि वक्फ बोर्ड एक्ट के तहत संजौली मस्जिद कमेटी बनी भी है या नहीं। उन्होंने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 22 नवम्बर को निर्धारित की गई है।
मस्जिद की इन मंजिल के बारे में जवाब दाखिल करें
गौरतलब है कि संजौली की इस विवादित मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर बीते पांच अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने सुनवाई करते हुए मस्जिद की तीन मंजिलों को अवैध ठहराया और मस्जिद कमेटी को इन्हें ध्वस्त करने के आदेश दिए। इन आदेशों की अनुपालना करते हुए मस्जिद कमेटी ने अवैध हिस्से को गिराने का काम चला रखा है और मस्जिद का छत हटा दिया गया है। हाईकोर्ट ने नगर निगम कोर्ट को इस मामले को जल्द निपटाने के आदेश दिए हैं। दो दिन पहले नगर निगम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड से बाकी दो मंजिलों की स्थिति बारे जवाब तलब किया है। नगर निगम ने मस्जिद की ग्राउंड और पहली मंजिल के बारे में जवाब दाखिल करने को कहा है।
मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर बवाल और प्रदर्शन
संजौली मस्जिद विवाद बीते सितंबर महीने से लगातार चर्चा में है। इस मामले को लेकर शिमला में हिंदू समाज के लोग इकट्ठा होकर मस्जिद तोड़ने के लिए आंदोलन किए। बीते 11 सितंबर को संजौली में हुए उग्र प्रदर्शन में प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़ मस्जिद स्थल के समीप आ गए थे। इन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी। इस दौरान पुलिस कर्मियों सहित कई लोग जख्मी हुए थे।
इस विवाद के बाद मस्जिद का मुद्दा गहराया
यह विवाद तब सामने आया जब मल्याणा क्षेत्र में विक्रम सिंह नाम के एक स्थानीय शख्स के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी। इस मारपीट को लेकर विक्रम ने ढली पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाई थी। आरोप है कि मारपीट को अंजाम देकर आरोपित मस्जिद में छिप गए। इसके बाद हिंदू संगठनों ने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया और अवैध बताकर मस्जिद को गिराने की बात कही। देखते ही देखते ये मामला और तूल पकड़ लिया।
रिपोर्ट : यूके शर्मा
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