हिमाचल में यहां किन्नरों को दी जाने वाली शगुन राशि तय, जानिए शादी व जन्म पर देने होंगे कितने रुपए
- कुछ लोगों ने शिकायत की थी कि किन्नर जबरन पैसे वसूल रहे हैं और उनकी ओर से मांगे गए पैसे न दे पाने वाले कुछ लोगों को परेशान किया जा रहा है। जिसके बाद यह फैसला लिया गया।
घर में किसी भी तरह का मांगलिक कार्य के होने पर बहुत से परिवारों को किन्नरों द्वारा जबरन की जाने वाली अनशन राशि की मांग का सामना करना पड़ता है। हालांकि हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले की एक ग्राम पंचायत ने इस समस्या से निपटने का एक तरीका खोज निकाला है।
ग्राम पंचायत ने शादी व बच्चे के जन्म जैसे विभिन्न मौकों पर किन्नरों को दी जाने वाली शगुन राशि की दरें तय कर दी हैं और इस बारे में एक सूची तैयार की है। इस सूची में विभिन्न मौकों पर किन्नरों के लिए अलग-अलग शगुन राशि निर्धारित की गई है।
यह मामला हमीरपुर जिले में आने वाली दारूघनपट्टी कोट पंचायत का है। हालांकि इससे पहले इसी जिले की दारूही ग्राम पंचायत भी ऐसा ही कुछ कर चुकी थी। जिसके बाद दारूघनपट्टी कोट पंचायत ऐसा करने वाली दूसरी ग्राम पंचायत बनी।
ग्राम पंचायत के प्रधान गुलशन कुमार ने शुक्रवार को बताया कि पंचायत ने बच्चे के जन्म पर 2100 रुपए तथा विवाह के अवसर पर 3100 रुपए की राशि निर्धारित की है। पंचायत के आदेशों का पालन न करने पर नियमानुसार कार्रवाई करने का भी प्रावधान किया गया है।
कुमार ने बताया कि कुछ ग्रामीणों ने पंचायत सदस्यों से शिकायत की थी कि किन्नर जबरन पैसे वसूल रहे हैं और उनकी ओर से मांगे गए पैसे न दे पाने वाले कुछ लोगों को परेशान किया जा रहा है। कुमार ने कहा कि इस शिकायत के बाद यह निर्णय लिया गया। कुमार के मुताबिक, पंचायत ने गुरुवार को हमीरपुर के जिलाधिकारी को निर्णय की एक प्रति सौंपी।
बता दें कि इससे पहले दारूही ग्राम पंचायत ने पिछले महीने फैसला किया था कि बिना उसकी अनुमति के गांव में कोई फेरीवाला नहीं आएगा। साथ ही जबरन पैसे मांगने की शिकायत ग्राम पंचायत तक पहुंचने पर किन्नरों को दी जाने वाली शगुन की राशि भी तय कर दी गई। अब दारूघनपट्टी कोट पंचायत ने भी फैसला किया कि किन्नर अब शगुन के तौर पर मनमानी नहीं कर सकेंगे और उन्हें एक तय राशि दी जाएगी।
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