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हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र का हंगामेदार आगाज, नहीं मानी BJP की यह मांग, वाकआउट

हिमाचल प्रदेश की 14वीं विधानसभा के दूसरे मॉनसून सत्र की आगाज हंगामेदार रही। भाजपा ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर नियम-67 के तहत काम रोको प्रस्ताव की मांग की। इसकी इजाजत नहीं मिलने पर भाजपा ने हंगामा करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया।

Krishna Bihari Singh लाइव हिन्दुस्तान, शिमलाTue, 27 Aug 2024 04:49 PM
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हिमाचल प्रदेश की 14वीं विधानसभा के दूसरे मॉनसून सत्र की आगाज हंगामेदार रही। मंगलवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो विपक्ष ने हंगामा करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। विपक्षी दल भाजपा ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर नियम-67 के तहत काम रोको प्रस्ताव की मांग की। स्पीकर ने जब इस पर चर्चा की इजाजत नहीं दी, तो समूचा विपक्ष उखड़ गया और विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। 

इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विपक्ष के काम रोको प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि कानून व्यवस्था के मुद्दे पर नियम 67 के तहत चर्चा का कोई औचित्य नहीं है। सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा से कोई एतराज नहीं है लेकिन नियम 67 तहत चर्चा कराना उचित नहीं है। यह एमरजेंसी के लिए है। बद्दी में घटी घटना इतनी महत्वपूर्ण नहीं है कि सदन की सारी कार्यवाही स्थगित कर इस पर चर्चा कराई जाए।

वहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में कानून व्यवस्था का मामला उठाते हुए कहा कि विपक्ष ने इस मुद्दे पर नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव का नोटिस किया है। सरकार को तुरंत प्रदेश में बिगड़ रही कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करानी चाहिए। उन्होंने बद्दी में हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दो गुटों में पैसे के लेनदेन को लेकर झगड़ा हुआ, जिसमें एक युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई, जबकि दो अस्पताल में भर्ती हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में ऐसी घटना आज से पहले कभी नहीं हुई। कानून व्यवस्था आज प्रदेश के लिए चिंता का विषय बन गई है। सरकार इसे लेकर गंभीर नहीं है। आलम यह है कि कभी कोर्ट परिसर में गोलियां चलती है तो कभी बेरहमी से युवक की हत्या कर दी जाती है। आज प्रदेश में ड्रग माफिया, खनन माफिया, कांट्रेक्ट माफिया और वन माफिया पूरी तरह से सक्रिय है, लेकिन सरकार इस पर गंभीर नहीं है।

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने विपक्ष के नियम 67 के तहत चर्चा के नोटिस को रद्द कर दिया। इसके बाद पूरा विपक्ष नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चला गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर कहा कि बद्दी में हुई घटना ड्रग माफिया के दो गुटों के बीच की घटना है। विपक्ष द्वारा ड्रग माफिया से जुड़ी इस घटना पर सदन में चर्चा लाना शर्मनाक है। ड्रग माफिया से जुड़े लोगों की मौत पर सदन में चर्चा नहीं होनी चाहिए।

रिपोर्ट- यूके शर्मा

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