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हिमाचल में मौसम खराब, बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी; भूस्खलन के चलते 41 सड़कें ब्लॉक

  • राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार की सुबह राज्य की 41 सड़कें भूस्खलन से अवरुद्ध हैं। मंडी में 14, कांगड़ा में नौ, शिमला में आठ, कुल्लू में छह, चम्बा, ऊना, लाहौल-स्पीति व किन्नौर में एक-एक सड़क बाधित है।

Devesh Mishra लाइव हिन्दुस्तान, शिमलाMon, 26 Aug 2024 06:19 AM
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Himachal Pradesh weather: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश व भूस्खलन से दुश्वारियां अभी कम नहीं हुई हैं। राज्य में कई सड़कें व बिजली ट्रांसफार्मर अभी भी ठप हैं और यातायात व बिजली आपूर्ति प्रभावित है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने अगले दो दिन यानी 27 व 28 अगस्त को मैदानी व मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। पहली सितंबर तक राज्य में मौसम खराब बना रहेगा।

राज्य की 41 सड़कें ब्लॉक

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार की सुबह राज्य की 41 सड़कें भूस्खलन से अवरुद्ध हैं। मंडी में 14, कांगड़ा में नौ, शिमला में आठ, कुल्लू में छह, चम्बा, ऊना, लाहौल-स्पीति व किन्नौर में एक-एक सड़क बाधित है। राज्य में बारिश के साथ आसमानी बिजली गिरने से 211 ट्रांसफार्मरों के खराब होने से कई इलाके अंधेरे में डूब गए हैं। कुल्लू जिला में सबसे ज्यादा 147 ट्रांसफार्मर बंद पड़ गए हैं। जिला के मनाली उपमण्डल में 78 और थलौट में 64 ट्रांसफार्मर खराब हैं। इसके अलावा मंडी जिला में 43, चम्बा में 11 और किन्नौर में 10 ट्रांसफार्मरों के बंद रहने से बिजली गुल है। राज्य में बारिश की वजह से कोई भी पेयजल परियोजना बाधित नहीं हुई है।

कहां कितनी बारिश

रविवार शाम से सोमवार सुबह तक शिमला जिला के कोटखाई में सबसे ज्यादा 24 मिलीमीटर वर्षा हुई। सिरमौर के धौलाकुआं में 16, शिमला के खदरला में 15, सोलन व नरकंडा में 12-12, नौनी व मनाली में 11-11 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। राजधानी शिमला में आज सुबह से बादलों के बीच धूप खिली है।

हिमाचल प्रदेश में मॉनसून से इस बार भी जान-माल का भारी नुकसान हुआ। मानसून सीजन के दो महीने में 1216 करोड़ का नुकसान आंका गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक लोकनिर्माण विभाग को सड़कों व पुलों के ढहने से सर्वाधिक 552 करोड़ का नुकसान पहुंचा है। वहीं जलशक्ति विभाग को 488 करोड़ की क्षति हुई।

दो माह में 88 जगह बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन से तबाही हुई। इनमें 34 लोगों की जान गई और 33 लापता हैं। लापता लोगों के मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। 31 जुलाई की आधी रात शिमला, कुल्लू और मंडी में बादल फटने से आये सैलाब से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। सैलाब ने शिमला जिला के समेज गांव का नामोनिशान मिटा दिया। बचाव दलों ने कई दिन चलाये सर्च ऑपरेशन में 22 लोगों के शव बरामद किए वहीं 14 लोग अभी भी लापता हैं।

रिपोर्ट- यूके शर्मा

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