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हिमाचल सरकार का फैसला; BPL में शामिल होंगे ये परिवार, सफेदा चिनार बांस की कटाई पर बैन

हिमाचल प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने गुरुवार को ऐसे परिवारों को गरीबी रेखा से नीचे यानी बीपीएल सूची में शामिल करने को मंजूरी दी जिनमें 18 से 59 साल के बीच का कोई वयस्क सदस्य नहीं है, जिनका मुखिया महिला है या जिन परिवारों के मुखिया 50 फीसदी या उससे अधिक विकलांग हैं।

Krishna Bihari Singh लाइव हिन्दुस्तानThu, 9 Jan 2025 05:06 PM
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हिमाचल प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने कई बड़े फैसले किए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में कैबिनेट ने ऐसे परिवारों को गरीबी रेखा से नीचे यानी बीपीएल सूची में शामिल करने को मंजूरी दी है जिनमें 18 से 59 साल के बीच का कोई वयस्क सदस्य नहीं है, जिनका मुखिया महिला है या जिन परिवारों के मुखिया 50 फीसदी या उससे अधिक विकलांग हैं। बैठक में सामाजिक सुरक्षा, नशा उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षण, हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना और प्रशासनिक सुधारों पर खास जोर दिया गया है।

मंत्रिमंडल ने ऐसे परिवारों को गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) सूची में शामिल करने को मंजूरी दे दी, जिनमें 18 से 59 साल के बीच कोई वयस्क सदस्य नहीं है, जिनका मुखिया महिला है या जिनके मुखिया 50 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांग हैं।

जारी बयान में कहा गया है कि जिन परिवारों ने पिछले वित्तीय वर्ष में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत कम से कम 100 दिन काम किया है और जिनके कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसन, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, थैलेसीमिया या किसी अन्य स्थिति जैसे गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्थायी विकलांगता होती है, उन्हें भी बीपीएल सूची में शामिल किया गया है।

प्रदेश में ड्रग्स तस्करी रोकने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) गठित करने का भी निर्णय लिया गया है। यह एसटीएफ नशे के खिलाफ लड़ाई में संगठित अपराध नेटवर्क को खत्म करने की दिशा में काम करेगी। भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की अनुसूची 1ए में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी करने को मंजूरी दी गई। इस संशोधन के तहत राज्य सरकार की पूर्व मंजूरी से हिमाचल प्रदेश काश्तकारी और भूमि सुधार अधिनियम, 1972 की धारा 118(2)(एच) के अंतर्गत सुरक्षित हस्तांतरण और पट्टा लेन-देन पर 12 प्रतिशत की एक समान स्टाम्प ड्यूटी दर लगाई जाएगी।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मंत्रिमंडल ने तारा देवी मंदिर के आसपास के क्षेत्र को हरित क्षेत्र घोषित करने का निर्णय लिया ताकि ग्रीन बेल्ट में मानवीय दखल को कम किया जा सके। इसके अतिरिक्त सफेदा, चिनार और बांस की कटाई पर प्रतिबंध लगाया गया। खैर की कटाई के लिए निर्धारित दस वर्षीय कार्यक्रम को जारी रखने का निर्णय भी लिया गया।

ग्रीन ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नालागढ़ में एक मेगावाट के हरित हाइड्रोजन प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई। यह प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा संचालित किया जाएगा। पंप स्टोरेज परियोजनाओं पर हरित ऊर्जा विकास शुल्क लगाने का भी निर्णय लिया गया। परियोजनाओं के आरंभ से पहले 10 वर्षों तक यह शुल्क 2.5 लाख रुपये प्रति मेगावाट प्रति वर्ष होगा, जिसे बाद में बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति मेगावाट कर दिया जाएगा।

दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम को मंजूरी दी गई। इस कार्यक्रम के तहत उन क्षेत्रों में विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे जहां प्रशासनिक सेवाओं तक पहुंच सीमित है।

मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार से किशाऊ बहुउद्देशीय परियोजना के विद्युत घटक के लिए 90ः10 फंडिंग के फार्मूले को अपनाने का आग्रह दोहराया। इसके साथ ही अंतर-राज्यीय समझौते के तहत राज्य सरकार द्वारा देय राशि के लिए 50 वर्षीय ब्याज मुक्त कर्ज का प्रस्ताव भी रखा गया।

बैठक में पांच मेगावाट से अधिक क्षमता वाली जल विद्युत परियोजनाओं और सौर ऊर्जा परियोजनाओं के अलावा हरित हाइड्रोजन, बायोमास और पंप स्टोरेज परियोजनाओं के आवंटन और निगरानी का कार्य ऊर्जा विभाग को सौंपने का निर्णय लिया गया। वैट, सीएसटी और प्रवेश कर अधिनियमों के तहत लंबित मामलों और बकाया निपटान के लिए हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना-2025 को मंजूरी दी गई। इसके तहत करदाताओं को अपने लंबित विवादों का समाधान करने के लिए विशेष अवसर मिलेगा।

प्रशासनिक सुधारों के तहत जिला कांगड़ा की पंचरुखी उप-तहसील को तहसील के रूप में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया गया। जिला शिमला के धमवाड़ी, चंबा के साहो और कांगड़ा के चचियां में नई उप-तहसीलें खोलने की मंजूरी दी गई। सिरमौर जिले के शिलाई खंड प्राथमिक शिक्षा कार्यालय को विभाजित कर रोहनाट में नया खंड प्राथमिक शिक्षा कार्यालय स्थापित करने का निर्णय भी लिया गया।

विकास खंड लंबागांव की मटयाल, कुड़ाल और ढडोल ग्राम पंचायतों को बैजनाथ खंड में स्थानांतरित किया गया ताकि इन क्षेत्रों के निवासियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। बैठक में बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण के लिए लैंड पूलिंग पॉलिसी-2025 को मंजूरी दी गई। इसके अतिरिक्त, हिमाचल प्रदेश राज्य जल सूचना विज्ञान केंद्र की स्थापना को भी स्वीकृति दी गई। यह केंद्र राज्य में जल संबंधी आंकड़ों को संग्रहित और प्रसारित करेगा।

शिमला जिले के भोलार रथाल जातर मेले को जिला स्तरीय मेला घोषित किया गया। हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान का नाम बदलकर डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान किया गया। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग, शिमला के लिए जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) के 10 नए पद सृजित करने का निर्णय लिया गया। साथ ही, हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से ग्रुप-सी पदों की भर्ती के लिए सी-डैक को परीक्षा आयोजित करने के लिए अधिकृत किया गया। मंत्रिमंडल के इन निर्णयों से प्रदेश के विकास, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सुरक्षा को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

रिपोर्ट- यूके शर्मा

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