हिमाचल के बाबा बालक नाथ मंदिर के प्रसाद की तय हुई एक्सपायरी डेट, रोट के नमूनों पर आई रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश के बाबा बालक नाथ मंदिर के बाहर व्यापारियों की ओर से बेचे जाने वाले प्रसाद की एक्सपायरी डेट तय हो गई है। स्थानीय व्यापारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के दियोटसिद्ध क्षेत्र में स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर के बाहर व्यापारियों द्वारा बेचा जाने वाला प्रसाद इसे बनाए जाने की तारीख से केवल 20 दिन तक ही खाने लायक होगा। स्थानीय व्यापारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सोलन जिले के कंडाघाट स्थित समग्र परीक्षण प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अनुसार, तीन महीने पहले दियोटसिद्ध में बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट की दुकान पर प्रसाद के रूप में बेचे जाने वाले 'रोट' खाने योग्य नहीं पाए गए थे।
नमूना विफल होने के बाद, दियोटसिद्ध के व्यापार मंडल ने इसके सेवन की अवधि का पता लगाने के लिए रोट के नमूनों की शूलिनी विश्वविद्यालय में जांच कराई।
रिपोर्ट के अनुसार, रोट 20 दिनों तक खाने योग्य होते हैं। नमी और रसायनों के आधार पर परिणाम में कहा गया है कि रोट पकाए जाने की तारीख से 20 दिन से अधिक समय बाद खाने योग्य नहीं होता है। रोट गेहूं, चीनी और देसी या वनस्पति घी से बनाया जाता है।
इन्हें पुरानी परंपरा के अनुसार, भक्तों द्वारा बाबा बालक नाथ जी को चढ़ाया जाता है। भक्त इस प्रसाद को अपने घर ले जाते हैं। बाद में भी खाते हैं। स्थानीय व्यापारियों के एक प्रवक्ता ने कहा कि अब रोट बनाने वाले दुकानदारों को पैकेट पर इन्हें बनाने की तारीख अंकित करनी होगी।
मान्यता के अनुसार बाबा बालक नाथ को भगवान शिव के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय का अवतार माना जाता है और उत्तर भारत में उनकी बड़े स्तर पर पूजा होती है। हर साल देश-विदेश से लाखों लोग इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। बाबाजी का एक माह तक चलने वाला मेला 14 मार्च से शुरू होगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।