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हिमाचल में मस्जिद वाला नया विवाद, एक और पर बुलडोजर चलाने की डिमांड

हिमाचल प्रदेश के शिमला में संजौली के बाद अब एक और मस्जिद को लेकर मामला गरमा रहा है। शहर के कसुम्पटी में रहने वाले लोगों ने मंगलवार को अपने क्षेत्र में एक मस्जिद को ढहाने की मांग की। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि मस्जिद अनधिकृत है।

Subodh Kumar Mishra भाषा, शिमलाTue, 17 Sep 2024 04:36 PM
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हिमाचल प्रदेश के शिमला में संजौली के बाद अब एक और मस्जिद को लेकर मामला गरमा रहा है। शहर के कसुम्पटी में रहने वाले लोगों ने मंगलवार को अपने क्षेत्र में एक मस्जिद को ढहाने की मांग की। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि मस्जिद अनधिकृत है और यहां अज्ञात व्यक्तियों और प्रवासियों की आमद में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की।

पार्षद रंचना शर्मा की अगुवाई में स्थानीय लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शिमला के उपायुक्त अमित कश्यप, पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव कुमार गांधी और शिमला के नगर आयुक्त भूपेंद्र अत्री से मुलाकात की और अपनी मांगों के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा।

शिमला के संजौली इलाके में पिछले बुधवार को मस्जिद के एक हिस्से को ढहाने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ हुई झड़प में 10 लोग घायल हो गए थे। वहीं, मंडी में भी मस्जिद के अतिक्रमण को गिराने की मांग ने तूल पकड़ लिया था। अतिक्रमण के खिलाफ सड़क पर उतरे लोगों के खिलाफ पुलिस को पानी की बौछारें करनी पड़ी थी। मस्जिद पक्ष के लोगों ने खुद ही अवैध निर्माण को तोड़ने की बात कही, जिसके बाद मामला शांत हुआ था।

पार्षद रंचना शर्मा ने आरोप लगाया कि कसुम्पटी में एक विशिष्ट समुदाय द्वारा बनाए गए अनधिकृत ढांचे को नगर निगम ने अवैध घोषित कर दिया है। यह जगह कभी मस्जिद या धार्मिक स्थल नहीं थी। अब इसका इस्तेमाल एक खास समुदाय के लोग कर रहे हैं, जो यहां इकट्ठा हो रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि पिछले वर्ष नगर निगम आयुक्त ने भी इस ढांचे को गिराने के आदेश जारी किए थे, लेकिन इसे अभी तक नहीं ढहाया गया।

पार्षदशर्मा ने दावा किया कि आश्चर्य की बात यह है कि इनमें से कोई भी व्यक्ति कसुम्पटी बाजार क्षेत्र का स्थायी निवासी नहीं है। यहां रोजाना इकट्ठा होने वाले लोगों की कोई स्पष्ट पृष्ठभूमि, पंजीकरण या उनके मूल तथा निवास के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

उन्होंने कहा कि हम हर धर्म का सम्मान करते हैं और किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं रखते। लेकिन, जिस तरह से इस मस्जिद का निर्माण किया गया और एक विशेष समुदाय के लोग बाजार में आते हैं, वह चिंता का विषय है। हम प्रशासन से उचित कार्रवाई करने की मांग करते हैं।

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