अपने विधायकों की रक्षा करे विपक्ष; सैनी की सरकार बचाने उतरे खट्टर की चुनौती
आपको बता दें कि मनोहर लाल खट्टर ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले मार्च महीने में हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। वह बीजेपी के सिंबल से करनाल से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
तीन निर्दलीय विधायकों के द्वारा समर्थन वापस लेने से हरियाणा की भाजपा सरकार संकट में आ गई है। इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को दावा किया कि कई विपक्षी विधायक उनके संपर्क में हैं। खट्टर ने करनाल में कहा, “चुनावी मौसम के बीच कौन कहां जा रहा है इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कई विधायक भी हमारे संपर्क में हैं। कोई चिंता नहीं होनी चाहिए।”
खट्टर ने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि वे अपने विधायकों की रक्षा करें, क्योंकि कई हमारे संपर्क में हैं। कभी भी पाला बदल सकते हैं।
आपको बता दें कि मनोहर लाल खट्टर ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले मार्च महीने में हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। वह बीजेपी के सिंबल से करनाल से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी जगह भगवा पार्टी ने नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया था।
जिन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस लिया उनमें पुंडरी से रणधीर गोलन, नीलोखेली से धर्मपाल गोंदर और दादरी से सोमबीर सिंह सांगवान शामिल हैं। तीनों ने ही कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया है।
90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 40, कांग्रेस के 30 और जननायक जनता पार्टी 10 विधायक हैं। अक्टूबर 2019 में हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन की सरकार बनी। इस साल मार्च में दोनों दल अलग हो गए।
लोकसभा के समीरण की बात करें तो फिलहाल 10 में से नौ सीटें भगवा पार्टी के पास हैं। सैनी के सीएम बनने के कारण एक सीट खाली हुई थी। इन सभी दस सीटों पर 25 मई को एक ही चरण में मतदान होगा। हरियाणा में भी अपनी अगली सरकार चुनने के लिए अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होंगे। 2014 में बीजेपी ने यहां अपने दम पर बहुमत हासिल किया था। वहीं 2019 में वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और जेजेपी के साथ गठबंधन सरकार बनाई।
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