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Hindi Newsहरियाणा न्यूज़Industrial units to get 50 pc rebate in VAT in Haryana for using natural gas

हरियाणा में औद्योगिक सेक्टर को बड़ी रियायत, प्राकृतिक गैस का उपयोग करने पर वैट में मिलेगी 50% की छूट

यहां एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह योजना सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) सहित सभी उद्योगों पर लागू होगी और इसके नोटिफिकेशन की तारीख से अगले दो साल तक प्रभावी रहेगी।

Praveen Sharma चंडीगढ़ | पीटीआई, Sat, 22 Oct 2022 05:46 PM
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दिवाली से पहले औद्योगिक सेक्टर के लिए बड़ी खुशखबरी है। हरियाणा में अब से डीजल जनरेटर के बजाय प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल करने वाली औद्योगिक इकाइयों को मूल्य वर्धित कर (वैट) में 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी। 

हरियाणा सरकार ने शनिवार को कहा कि उसने राज्य में औद्योगिक इकाइयों को वैट में 50 प्रतिशत की छूट देने का फैसला किया है, जो उनकी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक डीजल जनरेटर सेट की जगह प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल करेगी।

यहां एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह योजना सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) सहित सभी उद्योगों पर लागू होगी और इसके नोटिफिकेशन की तारीख से अगले दो साल तक प्रभावी रहेगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई स्थायी वित्त समिति की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया। बैठक में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में डीजल से चलने वाले जनरेटर सेटों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब जो उद्योग सीएनजी और पीएनजी से अपनी ऊर्जा की जरूरत पूरी करेंगे, उन्हें वैट में 50 फीसदी की छूट मिलेगी।

इसी तरह, समिति ने हरियाणा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति 2022 के तहत विभिन्न मदों में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों को प्रति वर्ष 164.66 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने को भी मंजूरी दी।

मुख्यमंत्री को बताया गया कि ईवी नीति का उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना, कार्बन फुटप्रिंट को कम करना, राज्य को ईवी मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना, ईवी क्षेत्र में कौशल विकास सुनिश्चित करना, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और ईवी तकनीक में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करना है।

यह नीति इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी में नए विनिर्माण को प्रोत्साहित करती है और मौजूदा ऑटोमोबाइल निर्माताओं को ईवी विनिर्माण क्षेत्र में विविधता लाने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसके साथ ही, ईवी निर्माताओं को निश्चित पूंजी निवेश (एफसीआई), शुद्ध एसजीएसटी, स्टांप शुल्क आदि पर प्रोत्साहन देकर विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है।

इसमें कहा गया है कि 2030 तक हरियाणा राज्य परिवहन उपक्रमों के स्वामित्व वाले बस बेड़े के 100 प्रतिशत को इलेक्ट्रिक बसों या ईंधन सेल वाहनों या अन्य गैर-जीवाश्म-ईंधन आधारित प्रौद्योगिकियों में बदलने का प्रयास किया जाएगा।

गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों को मॉडल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (ईएम) शहरों के रूप में घोषित किया जाएगा, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने के लिए चरण-वार लक्ष्य होंगे, 100 प्रतिशत ई-मोबिलिटी हासिल करने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जाएंगे।

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