Hindi Newsहरियाणा न्यूज़Parali now there is war on land dispute between Haryana and Punjab regarding the assembly building

पराली के बाद अब विधानसभा भवन को लेकर भी हरियाणा-पंजाब में जंग, क्या है पूरा मामला?

  • हरियाणा विधानसभा की नई बिल्डिंग बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 11 नवंबर को गैजेट नोटिफिकेशन जारी किया है। हरियाणा को चंडीगढ़ के आइटी पार्क के पास जमीन मिली है, यह एरिया पंचकूला से सटा हुआ है। इसके बदले में हरियाणा सरकार चंडीगढ़ प्रशासन को 12 एकड़ जमीन देगी।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तान, चंडीगढ़, मोनी देवीFri, 15 Nov 2024 12:08 AM
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पराली प्रदूषण को लेकर एक-दूसरे पर आरापे मंढने वाले पडोसी राज्य पंजाब और हरियाणा अब नए मुद्दे पर आमने-सामने आ गए हैं। चंडीगढ़ में हरियाणा की नई विधानसभा बनाने के मुद्दे पर राजनीति तेज हो गई है। पंजाब के मुख्य राजनीतिक दलों समेत बीजेपी ने भी इस फैसले का विरोध किया है। वहीं, ​हरियाणा की तरफ से सभी दल और भाजपा नेता इसका समर्थन कर रहे हैं। अभी हरियाणा और पंजाब की विधानसभा एक ही भवन में है। हरियाणा सरकार की तरफ से विधानसभा का नया भवन बनाने की पहल की गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद जिससे दोनों राज्यों में तनातनी बढ़ गई। हरियाणा विधानसभा की नई बिल्डिंग बनाने के लिए केंद्र ने 11 नवंबर को गैजेट नोटिफिकेशन जारी किया है। हरियाणा को चंडीगढ़ के आइटी पार्क के पास जमीन मिली है, यह एरिया पंचकूला से सटा हुआ है। इसके बदले में हरियाणा सरकार चंडीगढ़ प्रशासन को 12 एकड़ जमीन देगी।

हरियाणा पंचकूला में क्यों नहीं बना रहा नई विधानसभा: आप पंजाब

चंडीगढ़ में हरियाणा का विधानसभा परिसर बनाने के फैसले पर आम आदमी पार्टी ने विरोध का स्वर तेज करते हुए कहा कि पंजाब के लोगों के लिए चंडीगढ़ सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं है, यह 3 करोड़ पंजाबियों की भावनाओं से जुड़ा मामला है। आप प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार पंजाब के खिलाफ बड़ी साजिश रच रही है। चंडीगढ़ पर हर तरह से पंजाब का अधिकार है। इसे खरड़ के 22 गांवों को उजाड़कर बसाया गया था और चंडीगढ़ राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सभी तरह से पंजाब के साथ जुड़ा हुआ है। जान-बूझकर विवाद पैदा करने के लिए यह फैसला लिया गया है।

गर्ग ने कहा कि जब हरियाणा को पंजाब से काट कर अलग राज्य बनाया गया था उस समय वादा किया गया था कि कुछ वक्त बाद चंडीगढ़ पंजाब को सौंप दिया जाएगा, जब तक हरियाणा अपनी अलग राजधानी नहीं बना लेता तब तक चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश रहेगा। केंद्र सरकार को इस वायदे का ख्याल रखना चाहिए और चंडीगढ़ को पंजाब को वापस कर देना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि अगर हरियाणा सरकार इसके बदले चंडीगढ़ प्रशासन को पंचकूला में 12 एकड़ जमीन दे रही है फिर विधानसभा पंचकूला में क्यों नहीं बनाया जा रहा है?

प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष के पास उठाउंगा मामला: सुनील जाखड़

पंजाब भाजपा प्रमुख सुनील जाखड़ ने कहा कि जिस प्रकार दिल्ली हिंदुस्तान का दिल है, उसी प्रकार चंडीगढ़ पंजाब का दिल है। जाखड़ ने कहा है कि वह चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के लिए जमीन दिए जाने का मामला प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष के पास उठाएंगे। प्रधानमंत्री ने पंजाब को अतीत में मिले घावों पर मरहम लगाने के कई प्रयास किए हैं, लेकिन हरियाणा को चंडीगढ़ में विधानसभा भवन के लिए अलग जगह अलॉट करने से लोगों को ठेस पहुंचेगी। उन्हें इस फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि हरियाणा को विधानसभा के लिए चंडीगढ़ 10 एकड़ जमीन का नोटीफिकेशन जारी करना पंजाब के अधिकार पर बड़ा डाका है। वर्ष 1966 में जिस समय पंजाब, हरियाणा और हिमाचल को अलग राज्य का दर्जा दिया गया, उस समय चंडीगढ़ पंजाब के हिस्से आया था। कुछ पैसों के बदले हरियाणा को चंडीगढ़ में 2 से 3 साल तक रहने की मोहलत दी गई, ताकि इस समय दौरान हरियाणा अपनी राजधानी स्थापित कर ले। एक तरह से किराए पर चंडीगढ़ में रहा हरियाणा आज चंडीगढ़ की मलकियत के खाने में 10 एकड़ जमीन लेकर अपनी हिस्सेदारी बनना चाहता है, ताकि अदालतों में वह चंडीगढ़ को लेकर अपना पक्ष मजबूत कर सके। हरियाणा पंचकूला में 12 एकड़ जमीन के बदले चंडीगढ़ में 10 एकड़ जमीन का तबादला कर रहा है, लेकिन तबादले वाली जमीन चंडीगढ़ की जमीन से महज एक किलोमीटर की दूरी पर है। हरियाणा यदि अपनी विधानसभा बनाना चाहता है तो वह अपने राज्य में अपनी जमीन पर विधानसभा स्थापित करे। विधानसभा के लिए चंडीगढ़ की 10 एकड़ जमीन देने का सीधा मतलब है कि केंद्र सरकार हरियाणा का चंडीगढ़ पर अधिकार मजबूत करना चाहती है ताकि इस अधिकार के मुद्दे को लेकर पंजाब का पक्ष कमजोर किया जा सके।

इस साजिश को कामयाब नहीं होने देगा अकाली दल: चीमा

शिरोमणि अकाली दल ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में हरियाण को जमीन आवंटित करने का कोई भी निर्णय असंवैधानिक होगा, क्योंकि यह अनुच्छेद 3 का उल्लंघन होगा, जिसके तहत केवल संसद ही राज्य की सीमाओं को बदल सकती है। प्रैस कांफ्रैंस को संबोधित करते हुए अकाली दल के वरिष्ठ नेता डा. दलजीत सिंह चीमा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस फैसले को रद्द करने का आग्रह किया और कहा कि यह पंजाब पुनर्गठन एक्ट,1966 का उल्लंघन है। डा. दलजीत सिंह चीमा ने केंद्र शासित प्रदेश में नई विधानसभा के लिए हरियाणा को जमीन अलॉट करने के कदम को चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को खत्म करने की साजिश करार देते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि हरियाणा सरकार पंजाब के खिलाफ केंद्र के साथ मिलीभगत कर रही है। अकाली दल इस कदम को हरगिज सफल नहीं होने देगा।

हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को दे पंजाब, तब चंडीगढ़ पर करे दावा

पंजाब के बीजेपी नेता सुनील जाखड़ के बयान पर हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि हो सकता है सुनील जाखड़ पंजाब की राजनीति के हिसाब से बोल रहे हों मगर हरियाणा की तरफ से अलग विधानसभा बनाने के लिए पहले से ही प्रयास किए जा रहे हैं। आने वाले समय में परिसीमन के बाद विधायकों की संख्या हरियाणा में बढ़ेगी और हरियाणा ने नई विधानसभा बनाने का निर्णय उसी के अनुसार लिया है। चंडीगढ़ पर पंजाब के दावे पर विज ने कहा कि जो समझौता पंजाब और हरियाणा बनने के वक्त हुआ था, वो तो अब तक लागू ही नहीं हुआ है। हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को अब तक नहीं दिए गए हैं। चंडीगढ़ पंजाब का तब है, जब हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को दे दिए जाएंगे। जब तक हमें सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी नहीं मिलेगा, तब तक चंडीगढ़ के ऊपर हमारा अधिकार है। हम चंडीगढ़ में तभी तक बैठे हुए हैं, क्योंकि जो दोनों राज्यों के बीच समझौता हुआ है, पंजाब उसे लागू ही नहीं कर रहा है, तो चंडीगढ़ किस प्रकार से पंजाब का हुआ।

रिपोर्ट: मोनी देवी

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