Hindi Newsगुजरात न्यूज़Why 45 royal families came in support of PM Modi How big masterstroke amidst anger of Rajputas in Gujarat

PM मोदी के समर्थन में आए 45 शाही परिवार, गुजरात में राजपूतों की नाराजगी के बीच बड़ा मास्टरस्ट्रोक कैसे?

Lok Sabha Polls: 45 शाही परिवार के लोग ऐसे वक्त में एकजुट होकर भाजपा के समर्थन में खड़े हुए हैं, जब गुजरात का क्षत्रिय और राजपूत समुदाय केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला की टिप्पणी से नाराज चल रहा है।

Pramod Praveen ANI, राजकोटThu, 2 May 2024 11:58 PM
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गुजरात के 45 शाही परिवारों ने एकजुट होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है। इससे भाजपा को बड़ा बल मिला है। राजकोट में 15-16 शाही परिवारों के सदस्य मौजूद थे, जबकि बाकी शाही परिवारों ने अपना समर्थन पत्र भाजपा को सौंपा है। इस मौके पर राजकोट मंधाता के ठाकोर साहब सिंहजी जडेजा ने कहा कि शाही परिवार के सदस्य देशहित पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए हैं।

समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए सिंहजी जडेजा ने कहा, "यह निस्संदेह और एक स्पष्ट तस्वीर है कि राजपूत समुदाय और पूर्व शासक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ निकटता से जुड़े रहे हैं। शाही परिवार के सभी लोग पीएम नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता और भारत को विकास की नई बुलंदियों पर ले जाने वाली उनकी सोच की वजह से उनका समर्थन करने आए हैं। तकनीक-प्रेमी दृष्टिकोण के कारण पीएम अन्य माध्यमों का उपयोग कर देश को नई ऊंचाई दे सकते हैं।"

45 शाही परिवार के लोग ऐसे वक्त में एकजुट होकर भाजपा के समर्थन में खड़े हुए हैं, जब गुजरात का क्षत्रिय और राजपूत समुदाय केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला की टिप्पणी के कारण नाराज चल रहा है। 22 मार्च को गुजरात के राजकोट में चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय मंत्री और राजकोट से भाजपा उम्मीदवार पुरुषोत्तम रूपाला ने दलितों की प्रशंसा कर  विवाद खड़ा कर दिया था।

रुपाला ने कहा था ब्रिटिश शासन पर टिप्पणी करते हुए कहा था, "यहां तक ​​कि राजा-महाराजाओं ने भी अंग्रेजों के सामने घुटने टेक दिए, अपने सिर झुकाया, उनके साथ पारिवारिक संबंध बनाए, उनके साथ रोटी खाई और यहां तक ​​कि अपनी बेटियों की शादी भी उनसे की, लेकिन इस रुखी समाज (दलित समुदाय) ने उनके सामने हार नहीं मानी। मैं उनकी मजबूती और ताकत के लिए उन्हें सलाम करता हूं। यही ताकत है जिसने सनातन धर्म को जीवित रखा है...जय भीम!" 

रुपाला के इस बयान पर गुजरात में क्षत्रिय और राजपूत समुदाय उनसे नाराज हो गया था। रोटी-बेटी पर उनके बयान ने लोगों को आक्रोशित कर दिया था, जिसकी उम्मीद न तो उन्हें थी और न ही उस भाजपा को, जिसका वर्चस्व और प्रभुत्व गुजरात में रहा है। रुपाला के बयानों से नाराजगी के बीच शाही परिवारों का खुलकर पीएम मोदी और भाजपा के समर्थन में आना एक बड़ा मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। 

सिंहजी जडेजा ने कहा, "आज सौराष्ट्र, कच्छ और गुजरात के शाही परिवार के लोग यहां देश हित पर विचार करने के लिए एकत्र हुए हैं और इस बात पर विचार कर रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत कैसे अपना सिर ऊंचा रख सकता है।" उन्होंने पिछले 10 वर्षों में देश में हुए विकास की सराहना की और प्रधानमंत्री मोदी को एक 'वैश्विक नेता' बताया।

उन्होंने कहा, "वे अब एक वैश्विक नेता हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम प्रधानमंत्री मोदी को अपना पूरा समर्थन देते हैं।" विशेष रूप से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों का गृह राज्य गुजरात भाजपा का गढ़ है, जहां पिछले दो आम चुनावों में पार्टी ने सभी 26 सीटें जीती हैं। राज्य में 7 मई को लोकसभा चुनाव में 26 संसदीय सीटों में से 25 के लिए मतदान होना है।

सूरत संसदीय सीट पर भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल पहले ही 'निर्विरोध' चुने जा चुके हैं क्योंकि कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था। दरअसल, उनके तीन प्रस्तावकों ने जिला चुनाव अधिकारी को दिए हलफनामे में दावा किया था कि उन्होंने उनके नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। 

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