अब ट्रेन की चपेट में नहीं आएगा जंगल का 'राजा', रेलवे ने बनाई नई एसओपी; यहां 40 से कम स्पीड पर दौड़ेगी ट्रेन
गुजरात में गिर फॉरेस्ट के शेरों को बचाने के लिए वन विभाग और रेलवे ने एक संशोधित मानक संचालन प्रोटोकॉल तैयार किया है। जिन क्षेत्रों में शेरों की आवाजाही ज्यादा है वहां ट्रेन की स्पीड कम रहेगी
गुजरात के गिर नेशनल पार्क में शेरों की बड़ी संख्या रहती है। पिछले कुछ समय से गिर फॉरेस्ट एंड सेंचुरी में ट्रेन की वजह से तीन शेरों की मौत हो गई जिसपर गुजरात हाईकोर्ट ने चिंता जताई। कोर्ट ने रेलवे और राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। जिसके बाद रेलवे और गुजरात वन विभाग ने मंगलवार को अदालत को बताया कि उन्होंने एक संशोधित मानक संचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) तैयार किया है। इसमें अमरेली जिले में शेरों के ट्रेन से होने वाले टकराव को बचाने के लिए रात के समय बिजी पिपावाव-सुरेंद्रनगर रेल लाइन पर ट्रेन की गति 40 किमी प्रति घंटे से कम कर दी गई है।
जनवरी में तीन शेरों की मौत पर संज्ञान लेने के बाद तीन अप्रैल को वन और रेलवे अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक हुई। दो शेरों की मौत ट्रेन की चपेट में आने की वजह से हुई थी। रेलवे के वकील रामनंदन सिंह ने चीज जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस अनिरुद्ध माई की पीठ को बताया कि कि वन विभाग और रेलवे ने एक संशोधित एसओपी तैयार की है, जिसके अनुसार सूर्यास्त से सूर्योदय तक ट्रेनों की गति उन क्षेत्रों में 40 किमी प्रति घंटे से कम रहेगी जो शेरों की आवाजाही के हॉटस्पॉट हैं।
वकील ने बताया कि नई एसओपी अमरेली जिले में गिर (पूर्व) वाइल्डलाइफ डिविजन, शेत्रुंजी वाइल्डलाइफ डिविजन और अमरेली सोशल फॉरेस्ट्री डिविजन में आने वाली लगभग 90 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइनों पर लागू होगी। नए प्रतिबंधों से पिपावाव रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीआरसीएल) की पिपावाव-सुरेंद्रनगर रेलवे लाइन और पश्चिम रेलवे के भावनगर डिवीजन की महुवा-राजुला लाइन पर ट्रेनों की गति 90 किमी प्रति घंटे से घटकर 40 किमी प्रति घंटे से कम हो जाएगी।
पीआरसीएल का पिपावा-सुरेंद्रनगर रेलवे ट्रैक अमरेली के राजुला तट पर पिपावाव बंदरगाह की लाइफलाइन है। इसपर रोजाना कुछ दर्जन ट्रेनें चलती हैं, जिनमें से ज्यादातर मालगाड़ियां होती हैं। एक वन अधिकारी ने कहा, हमने उन क्षेत्रों को डिफाइन किया है जिन्हें शेरों की ज्यादा गतिविधियों के चलते हॉटस्पॉट बताया गया है। रात के समय शेरों को ट्रेन से टकराने से बचाने के लिए रेलवे स्पीड को 40 किमी प्रति घंटे से कम तक सीमित करने पर राजी हुआ है। इन हॉटस्पॉट्स में एहतियात आदेश (सीओ) सालभर लागू रहेंगे।'
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