गुजरात में केजरीवाल को लगे 3 बड़े झटके पर साथ आई 3 खुशखबरी; समझें कैसे
गुजरात में विधानसभा चुनाव के नतीजे काफी हद तक एग्जिट पोल्स के अनुमान के मुताबिक भी रहे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) रिकॉर्ड सातवीं बार ना सिर्फ पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है।
गुजरात में विधानसभा चुनाव के नतीजे काफी हद तक एग्जिट पोल्स के अनुमान के मुताबिक भी रहे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) रिकॉर्ड सातवीं बार ना सिर्फ पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है, बल्कि राज्य के इतिहास में सर्वाधिक सीटें जीने का कीर्तिमान भी अपने नाम कर लिया है। भाजपा ने पहली बार 150 का आंकड़ा पार करते हुए कांग्रेस का रिकॉर्ड (1985 में 149 सीटों पर जीत) तोड़ा है। कांग्रेस इस बार 20 से कम सीटों पर सिमटती दिख रही है तो आम आदमी पार्टी की उम्मीदों को भी तगड़ा झटका लगा है। केजरीवाल को गुजरात में तीन झटके लगे हैं तो तीन खुशखबरी भी मिली है।
उम्मीदों पर फिर गया पानी, 5 सीटों पर सिमटे
अरविंद केजरीवाल ने पिछले छह महीने में गुजरात में ताबड़तोड़ प्रचार किया और अपनी पार्टी को मुख्य मुकाबले में लाने की कोशिश की। आप संयोजक ने लिखकर दावा किया था कि उनकी पार्टी 92 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करने वाली है। हालांकि, मतगणना में उम्मीदों पर पानी फिर गया। पार्टी 5 सीटों पर सिमटती दिख रही है।
दोनों बड़े चेहरे हार की कगार पर
गुजरात में आम आदमी पार्टी की कमान संभालने वाले गोपाल इटलिया अपनी सीट भी नहीं जिता सके। सूरत की कतारगाम सीट से वह भाजपा उम्मीदवार के मुकाबले भारी अंतर से पिछड़ चुके हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार इसुदान गढ़वी भी खम्भालिया सीट से हार की कगार पर पहुंच चुके हैं।
हिंदुत्व के ट्रैक पर झटका
अरविंद केजरीवाल ने पहली बार गुजरात चुनाव में 'हिंदुत्व'के दांव का खुलकर इस्तेमाल किया। चुनाव से पहले ना सिर्फ गुजरात के कई मंदिरों में पूजा-पाठ करते दिखे बल्कि टीका और रुद्राक्ष के जरिए अपनी नई छवि बनाने की कोशिश की। उन्होंने नोटों पर लक्ष्मी और गणेश की तस्वीर की मांग करके तो राजनीतिक पंडितों को भी चौंका दिया। हालांकि, केजरीवाल का यह दांव सफल नहीं हुआ।
राष्ट्रीय पार्टी बनने का रास्ता साफ
हालांकि, आम आदमी पार्टी ने गुजरात में हारकर भी काफी कुछ प्राप्त किया है। 'आप' के लिए राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने का रास्ता साफ हो गया है। दिल्ली, पंजाब और गोवा में प्रादेशिक पार्टी का दर्जा हासिल कर चुकी आप को गुजरात में 12 फीसदी से अधिक वोट मिले हैं। ऐसे में अब गुजरात में भी स्टेट पार्टी का दर्जा मिल जाएगा। किसी भी दल को 4 राज्यों में प्रादेशिक पार्टी का दर्जा मिलने पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल हो जाता है।
वोटशेयर से मिलेगा हौसला
वोटिंग से पहले तक भले ही अरविंद केजरीवाल बहुमत का दावा करते रहे लेकिन एग्जिट पोल के बाद उन्होंने भी मान लिया था कि उनकी पार्टी सरकार नहीं बनाने जा रही है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनकी पार्टी 15-20 फीसदी वोटशेयर हासिल करती है तो यह भी बड़ी बात होगी। उन्होंने माना कि गुजरात भाजपा का गढ़ है और यहां 'आप' की सेंध भी सफलता है।
दक्षिण भारत में प्रवेश
2017 में गुजरात में 29 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली 'आप' के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। अपने दूसरे प्रयास में पार्टी ने विधानसभा में एंट्री कर ली है। इसके साथ ही पश्चिम भारत में पार्टी ने दस्तक दे दी है। इससे पहले दिल्ली, पंजाब और गोवा में पार्टी को प्रतिनिधित्व हासिल है।
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