फर्जी सबूत गढ़ने के मामले में तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर गुजरात सरकार को नोटिस
गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) की उस याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा जिसमें फर्जी सबूत गढ़ने के लिए दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई है।
गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने बुधवार को तीस्ता सीतलवाड़ की उस याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया, जिसमें 2002 के दंगों के मामलों में कथित रूप से फर्जी सबूत बनाने के लिए उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई है। न्यायमूर्ति जेसी दोशी (Justice JC Doshi) की अदालत ने मामले में राज्य सरकार और जांच अधिकारी को नोटिस जारी किया। तीस्ता सीतलवाड़ ने अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगाकर अंतरिम राहत देने की अपील की है।
हाईकोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर भी सरकार को नोटिस जारी किया। अदालत ने जांच अधिकारी से जांच की प्रगति के बारे में भी एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही याचिकाकर्ता को एक हलफनामे के माध्यम से अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने की अनुमति दी। मालूम हो कि एक सत्र अदालत ने मामले में सीतलवाड की आरोपमुक्ति याचिका खारिज कर दी थी। गुजरात हाईकोर्ट ने भी उनको जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जुलाई में उन्हें जमानत दी थी।
मालूम हो कि तीस्ता सीतलवाड एवं दो अन्य (राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक आरबी श्रीकुमार और पूर्व भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी संजीव भट्ट) को शहर की अपराध शाखा ने 2002 के दंगों के मामलों में जून 2022 में जालसाजी और गुजरात सरकार के पदाधिकारियों को फंसाने के इरादे से झूठे सबूत गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट द्वारा जकिया जाफरी की याचिका खारिज करने के तुरंत बाद तीस्ता सीतलवाड के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिनके पति और पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी दंगों के दौरान मारे गए थे।
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