Hindi Newsगुजरात न्यूज़Government prohibits all political and religious gatherings in Gujarat with immediate effect

गुजरात में कोरोना का कहर, सरकार ने सभी राजनीतिक और धार्मिक सभाओं पर तत्काल प्रभाव से लगाई रोक

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि राज्य में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर राज्य सरकार ने सभी तरह की सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक सभाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का सोमवार को...

Tej Singh एजेंसी, सूरतTue, 13 April 2021 12:23 AM
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गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि राज्य में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर राज्य सरकार ने सभी तरह की सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक सभाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का सोमवार को फैसला किया। इसमें सार्वजनिक स्थानों पर जन्मदिन की पार्टियां भी शामिल हैं।

ये नये निर्देश ऐसे समय आये हैं, जब कुछ ही घंटे पहले गुजरात उच्च न्यायालय ने कोविड-19 की स्थिति और नागरिकों के सामने आ रहीं समस्याओं को लेकर राज्य सरकार की खिंचाई की थी। अदालत ने वायरस को नियंत्रित करने के कई उपाय भी सुझाए।

शाम को एक वीडियो संदेश जारी करते हुए मुख्यमंत्री रूपाणी ने अप्रैल और मई में पड़ने वाले सभी त्योहारों के सार्वजनिक उत्सवों पर प्रतिबंध लगाने की भी घोषणा की चाहे ये किसी भी आस्था से जुड़े हों।

उन्होंने लोगों से आने वाले त्योहारों को घर में मनाने और सार्वजनिक रूप से इकट्ठा होने से बचने की भी अपील की। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी धार्मिक स्थलों (के प्रबंधनों से) आगंतुकों और भक्तों के प्रवेश पर 30 अप्रैल तक रोक लगाने के लिए भी कहा और उनसे सीमित संख्या में लोगों की उपस्थिति में दैनिक अनुष्ठान करने की अपील की।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि गुजरात में पिछले 24 घंटे में कोविड​​-19 के सबसे अधिक 6,021 नए मामले सामने आये और 55 और मरीजों की मौत हो गई।

इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट ने राज्य में कोविड-19 की स्थिति और लोगों को हो रही परेशानियों को लेकर सोमवार को राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि असलियत, सरकारी दावों के विपरीत है। मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति भार्गव कारिया की खंड पीठ ने राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति पर एक जनहित याचिका पर स्वत: संज्ञान लेते कहा, ''लोग अब सोच रहे हैं कि वे भगवान की दया पर हैं।''

महाअधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने उच्च न्यायालय को उन कदमों के बारे में जानकारी दी जो राज्य सरकार ने कोविड-19 की स्थिति से निपटने के लिए उठाए हैं। इसके बाद, अदालत ने कहा कि असलियत सरकारी दावों के उलट है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए की गई सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने कहा, ''आप जो दावा कर रहे हैं, स्थिति उससे काफी अलग है। आप कह रहे हैं कि सबकुछ ठीक है, लेकिन वास्तविकता उसके विपरीत है।'' पीठ ने कहा कि लोगों में 'विश्वास की कमी' है।

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