पैसे निकालने के बहाने दुर्लभ हीरा चुराया, असली की जगह नकली रख गए जालसाज; कारोबारी को लगाई 4.5 करोड़ की चपत
गुजरात के सूरत में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक कारोबारी को जालसाज ने 4.55 करोड़ की चपत लगा दी। इतना ही नहीं असली की जगह नकली हीरा रखकर चले गए। पुलिस टीमें ठग को तलाश रही हैं।
गुजरात के सूरत में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। खरीदार बनकर आए एक व्यक्ति ने शहर के एक हीरा व्यापारी को 4.55 करोड़ रुपये की चपत लगा दी। आरोपी ने दुर्लभ 10.08 कैरेट दिल के आकार के हीरे के बदले व्यापारी को लैब में बनाया गया उसी आकार का हीरा थमा दिया। जिसकी कीमत केवल एक लाख रुपए है। पुलिस ने हीरा व्यापार केंद्र महिधरपुरा में अक्षत जेम्स के मालिक चिराग शाह की शिकायत पर ठग हितेश पुरोहित और उसके सहयोगी ईश्वर के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पुलिस ने पुरोहित और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने के लिए पांच टीमें गठित की हैं। शाह के बेटे अक्षत को एक व्यापारी भरत प्रजापति का फोन आया, जिसने बताया कि एक विश्वसनीय हीरा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म रैपनेट पर जीआईए-प्रमाणित 10.08 कैरेट का हीरा बिक्री के लिए उपलब्ध है, जिसका रंग D है और VVS2 शुद्धता है। उसने अक्षत से हीरे के मालिक के बारे में पूछताछ करने को कहा, क्योंकि व्यापारी हितेश पुरोहित ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई थी।
अक्षत ने हीरे के मालिक योगेश काकलोटकर का पता लगाया और पुरोहित के इंस्पेक्शन के लिए उससे हीरा ले लिया। 8 जून को प्रजापति और दो ब्रोकर- सनी और मिलन सुरदकर- शाह के ऑफिस पहुंचे और फिर सभी पुरोहित से मिलने गए। पुरोहित ने हीरे की कीमत पर चर्चा की लेकिन भुगतान में देरी का अनुरोधकिया। जिसे शाह ने अस्वीकार कर दिया और पूरा अग्रिम भुगतान करने पर जोर दिया। 24 जून को, ब्रोकर्स में से एक सनी ने शाह को आश्वासन दिया कि पुरोहित अब अग्रिम भुगतान करने के लिए तैयार है।
अक्षत ने काकलोटकर से फिर हीरा लिया। जिसके बाद शाह और अक्षत पुरोहित के ऑफिस गए। वहां पुरोहित ने हीरे और उसके प्रमाणपत्र की जांच की और फिर 10 लाख रुपये का आंशिक अग्रिम भुगतान और डिलीवरी के बाद बाकी भुगतान करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद पुरोहित ऑफिस से यह कहते हुए बाहर निकल गया कि उसे तिजोरी से पैसे निकालने हैं और हीरे को टेबल पर ही छोड़ दिया। हालांकि, अक्षत ने नोटिस किया कि मेज पर रखा हीरा लैब में बनाया गया था। उसका आकार, रंग और वजन नेचुरल हीरे जैसे ही थे।
बाप-बेटे ने पुरोहित का पता लगाने की कोशिश की, लेकिन वह कहीं नहीं मिला। पुरोहित से संपर्क करने की कई कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिली। निराश होकर शाह ने महिधरपुरा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष दिनेश नवाडिया ने टीओआई को बताया, 'हीरे के आकार और रंग को देखते हुए, यह एक दुर्लभ हीरा है। हीरा उद्योग में, डी रंग सभी हीरों में सबसे उच्च रंग ग्रेड को दर्शाता है।' वहीं महिधरपुरा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर एचएम चौहान ने कहा, 'हमने पांच टीम बनाई हैं, जिनमें से एक को पुरोहित के पैतृक स्थान पालनपुर भेजा है।'
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