लड़की से नंबर मांगना गलत तो है लेकिन यौन उत्पीड़न नहीं; गुजरात हाईकोर्ट ने पुलिस को ही सुनाया
जस्टिस निरजर देसाई ने कहा, 'हां, यह (नंबर मांगना) अनुचित हो सकता है, लेकिन कोर्ट का मानना है कि यदि आईपीसी की धारा 354 को देखा जाए तो यह यौन उत्पीड़न और इसके सजा के बारे में है।'
गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि किसी लड़की से नाम और नंबर पूछना गलत तो है लेकिन इसे यौन उत्पीड़न नहीं माना जा सकता। दरअसल, पुलिस ने गांधीनगर के समीर रॉय के खिलाफ केस दर्ज किया है। समीर पर एक महिला से नाम, नंबर और पता मांगने का आरोप लगा यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया है।
टॉर्चर के बाद हुआ यौन उत्पीड़न का केस: समीर
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, समीर के खिलाफ 26 अप्रैल को केस दर्ज किया गया था। समीर ने हाईकोर्ट को बताया कि जब उन्होंने पुलिस पर अत्याचार करने का आरोप लगाया तब उन पर यौन उत्पीड़न को लेकर केस कर दिया गया।
समीर का कहना है कि 25 अप्रैल को पुलिस ने उनको टॉर्चर किया था। इसे लेकर उन्होंने पुलिस के खिलाफ शिकायत भी की थी। उन्होंने पुलिस पर फोन छीनने और उनका डेटा डिलीट करने का भी आरोप लगाया है। अपनी याचिका में समीर ने कहा कि उन्हें इस केस (यौन उत्पीड़न) के बारे में 9 मई को पता चला।
हाईकोर्ट ने पुलिस को ही सुनाया
गुजरात हाईकोर्ट ने पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठाया है। जस्टिस निरजर देसाई ने कहा, 'अगर कोई यह कहता है कि आपका नंबर क्या है, तो यह गलत तो है, लेकिन एफआईआर दर्ज करने के लिए यह केस नहीं है। इसमें क्या कोई गलत इरादा दिखता है?'
गलत तो है लेकिन यौन उत्पीड़न नहीं
जस्टिस निरजर देसाई ने कहा, 'हां, यह (नंबर मांगना) अनुचित हो सकता है, लेकिन कोर्ट का मानना है कि यदि आईपीसी की धारा 354 को देखा जाए तो यह यौन उत्पीड़न और इसके सजा के बारे में है।' दरअसल, महिला ने आईपीसी की धारा 354A के तहत युवक के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। कोर्ट ने आगे कहा, 'अगर एफआईआर में लिखी बातें सच भी हैं तो भी युवक द्वारा महिला से नंबर मांगना यौन उत्पीड़न नहीं हो सकता है। यह अनुचित है लेकिन यौन उत्पीड़न नहीं।'
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