मेटावर्स में गैंगरेप का पहला मामला, आखिर इंटरनेट पर कैसे हो सकता है बलात्कार? कैसे बचें?
वर्चुअल रिएलिटी की दुनिया मेटावर्स में गैंगरेप का पहला मामला सामने आया है और एक 16 साल की लड़की इसका शिकार बनी है। आइए समझते हैं कि इंटरनेट की दुनिया में ये अपराध कैसे हो सकते हैं और इनसे कैसे बचें।

वर्चुअल दुनिया यानी मेटावर्स पिछले कुछ साल से चर्चा में है और यूजर्स इसका हिस्सा बन रहे हैं। अब मेटावर्स पर गैंगरेप का पहला मामला समने आया है और ब्रिटेन की एक 16 साल की लड़की इसका शिकार बनी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठाया जा रहा है कि इंटरनेट की वर्चुअल दुनिया में किसी के साथ यौन अपराध कैसे हो सकता है।
मेटावर्स में गैंगरेप की बात सामने आते ही सवाल उठने लगे हैं कि ऐसे अपराध किस स्तर पर गंभीर हैं और क्या पुलिस को ऐसे वर्चुअल अपराध की जांच को महत्व देना चाहिए। खासकर ऐसे वक्त में जब असली दुनिया में रेप के ढेरों मामले रोज सामने आ रहे हैं, क्या वर्चुअल अपराध को महत्व देना चाहिए। आइए समझते हैं कि ऑनलाइन यौन अपराध किस स्तर पर खतरनाक हैं और इनसे सुरक्षित रहने का तरीका क्या है।
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शरीर की तरह काम करता है अवतार
अगर किसी को इंटरनेट पर बनाई गई वर्चुअल दुनिया में कदम रखना है तो सबसे पहले अपना अवतार बनाना होता है। यह अवतार यूजर के शरीर की तरह काम करता है और उसकी पहचान के साथ तैयार किया जाता है। एनिमेटेड अवतार का भी हाथ-पैर और चेहरा होता है और यही अवतार मेटावर्स में बाकियों से मिलने-जुलने या बाकी काम करने में मदद करता है।
VR हेडसेट पहनने के बाद यूजर अवतार के जरिए मेटावर्स को महसूस कर सकता है, वहां वक्त बिता सकता है और इवेंट्स का हिस्सा बन सकता है। मेटावर्स में बाकी यूजर्स का ज्यादा करीब आना, अवतार के निजी अंगों को छूना और अन्य यौन गतिविधियां करना अपराध की श्रेणी में आता है। बेशक इस तरह के अपराध कोई शारीरिक चोट नहीं पहुंचाते लेकिन मेटावर्स की बाकी चीजों की तरह ही इनका एहसास बिल्कुल असली जैसा होता है।
इसलिए गंभीर हैं वर्चुअल रेप के मामले
मेटावर्स पर कई बार महिला यूजर्स और कम उम्र के यूजर्स के साथ यौन दुर्व्यवहार और छेड़खानी के मामले सामने आए हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे अपराध मानसिक चोट पहुंचाते हैं और इनसे पहुंची भावनात्मक चोट असली दुनिया में हुए अपराध जैसी ही होती है। खासकर कम उम्र के यूजर्स इस तरह के अपराध के बाद आत्मविश्वास गंवा सकते हैं और असली दुनिया में भी असुरक्षा की भावना उनके मन में जगह बना लेती है।
मेटावर्स पर ऐसे सुरक्षित रह पाएंगे आप
वर्चुअल दुनिया में जाने के लिए वर्चुअल रिएलिटी (VR) हेडसेट पहन लेना भर काफी नहीं है और असली दुनिया की तरह वहां भी अजनबी अवतारों से बचकर रहने में समझदारी है। मेटावर्स में शुरुआती छेड़खानी के मामलों के बाद यूजर्स को पर्सनल बाउंड्री प्रोटेक्शन फीचर दिया गया है, जो अनजान अवतारों को एक तय दूरी तक ही आने देता है। ऐसे फीचर्स इनेबल रखें और केवल उन्हीं वर्चुअल गेम्स या इवेंट का हिस्सा बनें, जिनमें ऐसे सुरक्षा फीचर्स दिए गए हों।
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