Google के रवैये पर सरकार सख्त, कहां- ऐप्स डीलिस्टिंग की अनुमति नहीं देंगे
Google द्वारा भारतीय ऐप्स को हटाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गूगल द्वारा प्ले स्टोर से कुछ एप्लिकेशन हटाने पर सरकार का कड़ा विरोध जताया है।
Google द्वारा भारतीय ऐप्स को हटाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गूगल द्वारा प्ले स्टोर से कुछ एप्लिकेशन हटाने पर सरकार का कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐप्स की डी-लिस्टिंग की अनुमति नहीं देगी और इस कार्रवाई के जवाब में तकनीकी दिग्गज के साथ बैठक बुलाई है।
पीटीआई के अनुसार, केंद्रीय मंत्री ने कहा है, "सरकार गूगल द्वारा प्ले स्टोर से कुछ ऐप्स को डी-लिस्ट करने पर कड़ा रुख अपना रही है और वह ऐप्स को डी-लिस्ट करने की अनुमति नहीं देगी।"
इन-ऐप लेनदेन पर 30% कमीशन लेता है गूगल
यह डेवलपमेंट गूगल की उन ऐप्स को हटाने की चेतावनियों का अनुसरण करता है जो उसके प्ले स्टोर बिलिंग नियमों का पालन करने में विफल रहे हैं। मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल डेवलपर्स को अपनी इन-हाउस पेमेंट सर्विसेस का उपयोग करने और इन-ऐप लेनदेन के लिए 30% कमीशन का भुगतान करने का आदेश देता है, जिसमें डिजिटल आइटम और सब्सक्रिप्शन सर्विसेस की बिक्री भी शामिल है।
आईटी मंत्री ने कहा "भारत बहुत स्पष्ट है, हमारी पॉलिसी बहुत क्लियर है। हमारे स्टार्ट-अप को वह सुरक्षा मिलेगी जिसकी उन्हें आवश्यकता है। मैंने पहले ही गूगल को फोन किया है। मैंने पहले ही उन ऐप डेवलपर्स को फोन किया है जिन्हें लिस्ट से हटा दिया गया है, हम अगले सप्ताह उनसे मिलेंगे। इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। इस तरह की डी-लिस्टिंग की अनुमति नहीं दी जा सकती।''
IAMAI ने गूगल से कहा ये
इसके अलावा, इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) ने गूगल से अपने Google Play Store से ऐप्स को डी-लिस्ट करने से परहेज करने का आह्वान किया है। एक बयान में, IAMAI ने गूगल को गूगल प्ले से किसी भी ऐप को डी-लिस्ट न करने की सलाह दी। IAMAI ने कहा, "IAMAI के प्रभावित सदस्यों का विचार है कि मामले की एक ठोस सुनवाई भारत के सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है, और गूगल को मामले की लंबित अवधि के दौरान कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।"
गूगल ने कहा- हमने 3 साल से ज्यादा का समय दिया
गूगल ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि स्थापित कंपनियों सहित सीमित संख्या में कंपनियों ने इन-ऐप लेनदेन के लिए प्ले स्टोर सर्विस शुल्क नहीं भेजने का विकल्प चुना है, जिसके परिणामस्वरूप पॉलिसी का पालन करने वाले अधिकांश डेवलपर्स पर अनुचित लाभ हुआ है। गूगल ने दावा किया कि उसने डेवलपर्स को पॉलिसी में एडजस्ट करने के लिए तीन साल से अधिक का पर्याप्त समय दिया, जिसमें हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तीन सप्ताह की अलावा छूट अवधि भी शामिल थी।
गूगल ने कहा, "इन डेवलपर्स को तैयारी के लिए तीन साल से अधिक का समय देने के बाद, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद के तीन सप्ताह भी शामिल हैं, हम यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं कि हमारी पॉलिसीयां पूरे इकोसिस्टम में एक समान लागू हों, जैसा कि हम वैश्विक स्तर पर किसी भी प्रकार के पॉलिसी उल्लंघन के लिए करते हैं।"
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