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सरकार की चीन पर डिजिटल स्ट्राइक, चाइनीज कनेक्शंस वाली 120 सेंडर IDs ब्लॉक; जानें इसके मायने

भारत सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चीन से कनेक्शन वाली करीब 120 सेंडर IDs को ब्लॉक कर दिया है। इन हेडर्स या सेंडर IDs की मदद से भारतीय नागरिकों के डिवाइस हैक कर उन्हें नुकसान पहुंचाया जा रहा था।

Pranesh Tiwari लाइव हिंदुस्तान, नई दिल्लीMon, 10 April 2023 02:57 PM
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भारत सरकार की ओर से बड़ा कदम उठाते हुए चाइनीज कनेक्शन वाली 120 सेंडर IDs या फिर हेडर्स को ब्लॉक कर दिया गया है। इने हेडर्स को चीन से जुड़ा एक ग्रुप चला रहा था और इन्हें केंद्रीय होम मंत्रालय से जुड़ी जानकारी के आधार पर पिछले दो महीनों में ब्लॉक किया गया है। बता दें, इन हेडर्स या सेंडर IDs की मदद से बल्स SMS या मेसेजेस भेजे जाते हैं। 

चाइनीज हेडर्स पर बड़ी कार्रवाई की जानकारी मीडिया पब्लिकेशन The Hindu की ओर से इसकी रिपोर्ट में दी गई है। इन हेडर्स के जरिए बैंक्स, मार्केटिंग कंपनियां, यूटिलिटी सेवा प्रदाता और कई सरकारी ऑफिस बल्क टेक्स्ट मेसेज (SMS) अपने ग्राहकों और उपभोक्ताओं को भेजते हैं। ये हेडर या सेंडर IDs कैरेक्टर्स और नंबर का यूनीक कॉम्बिनेशन होती हैं, जो किसी ब्रैंड, कंपनी के नाम या फिर मेसेज भेजने वाली एजेंसी की पहचान जाहिर करती हैं। 

जांच के बाद इन हेडर्स पर हुई कार्रवाई
सरकार ने कार्रवाई का फैसला मंत्रालय से जुड़ी सुरक्षा एजेंसी इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (I4C) की ओर से की गई जांच के बाद किया है, जिसमें सामने आया था कि इन हेडर्स को चीन से होस्ट किया जा रहा है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन- WBSEDC के हेडर में बीते दिनों एक चाइनीज होस्ट ने सेंध लगाई थी। बाद में इस हेडर ने कई उपभोक्ताओं को बिजली बिल से जुड़े फर्जी मेसेजेस भेजे थे। 

मेसेज के साथ भेजे मालवेयर वाले लिंक
मंत्रालय ने बताया कि जो मेसेजेस चाइनीज हेडर के जरिए भेजे गए थे, उनमें मालिशियस लिंक्स दिए गए थे। इन लिंक्स पर क्लिक करने की स्थिति में उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंच सकता था और उनके अकाउंट में हैकर्स सेंध लगा सकते थे। इसके अलावा हैकर्स को यूजर के फोन का ऐक्सेस भी मिल सकता था। हेडर के आधिकारिक विद्युत विभाग से जुड़ा होने के चलते उपभोक्ता उनपर आसानी से भरोसा कर रहे थे और बड़ा नुकसान हो सकता था। 

करीब तीन साल से चल रहा था स्कैम
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह स्कैम कम से कम पिछले 3 साल से चल रहा था और I4C की जांच के चलते अब सामने आया है। अधिकारी की मानें तो ब्लॉक किए गए हेडर्स के IP एड्रेस जांच के दौरान चीन में ट्रेस हुए। I4C की जांच के दौरान मिले नतीजों के बाद टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने सभी टेलिकॉम कंपनियों को इसकी जानकारी दी और 30 दिनों के अंदर इन ऐक्टिव या डॉरमेंट हेडर्स के बारे में जवाब देने को कहा। अब बड़ी कार्रवाई करते हुए इन्हें ब्लॉक कर दिया गया है।

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