गूगल प्ले स्टोर पर Telegram ऐप में खतरनाक वायरस, ये ऐप यूजर्स भी खतरे में Spyware infected versions of Telegram and Signal were listed on play store - Tech news hindi, Gadgets Hindi News - Hindustan
Hindi Newsगैजेट्स न्यूज़Spyware infected versions of Telegram and Signal were listed on play store - Tech news hindi

गूगल प्ले स्टोर पर Telegram ऐप में खतरनाक वायरस, ये ऐप यूजर्स भी खतरे में

साइबर सुरक्षा कंपनी Kaspersky रिसर्चर्स ने चेतावनी दी है और बताया है कि प्ले स्टोर पर टेलीग्राम जैसे ऐप्स की पहचान के साथ खतरनाक मालवेयर वाले ऐप लिस्ट हुए हैं। इन्हें अब प्ले स्टोर से हटाया गया है।

Pranesh Tiwari लाइव हिंदुस्तान, नई दिल्लीTue, 12 Sep 2023 07:32 PM
share Share
Follow Us on
गूगल प्ले स्टोर पर Telegram ऐप में खतरनाक वायरस, ये ऐप यूजर्स भी खतरे में

एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स के लिए ऐप्स डाउनलोड करने के लिए सबसे सुरक्षित प्लेटफॉर्म गूगल प्ले स्टोर को माना जाता है लेकिन कई बार इसपर भी खतरनाक मालवेयर वाले ऐप्स पहुंच जाते हैं। साइबर सुरक्षा रिसर्चर्स को अब गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद Telegram और Signal ऐप के कुछ ऐसे वर्जन सामने आए हैं, जो स्पाईवेयर-इनफेक्टेड हैं। यानी इन ऐप्स के जरिए एंड्रॉयड डिवाइसेज की जासूसी की जा सकती है। 

साइबर सुरक्षा कंपनी Kaspersky ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इन फेक ऐप्स को लोकप्रिय मेसेजिंग ऐप्स के नाम का फायदा उठाते हुए लाखों यूजर्स तक पहुंचाया जा रहा था। इनमें स्पाईवेयर के चलते खतरनाक फीचर्स दिए गए हैं और ये अटैकर के नियंत्रण वाले सर्वर को यूजर्स की पर्सनल जानकारी भेज रहे थे। इस जानकारी में नाम, यूजर IDs, कॉन्टैक्ट्स और फोन नंबर से लेकर पर्सनल चैट मेसेजेस तक शामिल हैं। 

आधिकारिक ऐप की पहचान के साथ लिस्टिंग
रिसर्चर्स ने इस ऐक्टिविटी को 'इविल टेलीग्राम' नाम दिया है और बताया है कि किस तरह लोकप्रिय मेसेजिंग ऐप की पहचान का इस्तेमाल करते हुए खतरनाक स्पाईवेयर वाले ऐप्स गूगल प्ले स्टोर पर लिस्ट किए गए थे। टेलीग्राम के सिंप्लिफाइड और ट्रेडिशनल चाइनीज वर्जन Uyghur की शक्ल में इनफेक्टेड ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर का हिस्सा बनाया गया। इनके साथ आधिकारिक टेलीग्राम पेज जैसी ही तस्वीरें भी लिस्टिंग में शामिल की गई थीं।

बेहतर फीचर्स के दावे के चलते बढ़े डाउनलोड
रिपोर्ट में बताया गया है कि टेलीग्राम और सिग्नल जैसे मेसेजिंग ऐप्स से पहचान जोड़ने के चलते अटैकर्स ज्यादा यूजर्स को लुभाने में कामयाब हुए। इनफेक्टेड ऐप्स के डिस्क्रिप्शन में कहा गया था कि ये आधिकारिक ऐप्स के मुकाबले बेहतर फीचर्स ऑफर करते हैं। डिवेलपर ने दावा किया था कि अन्य क्लाइंट्स के मुकाबले इनके बेहतर होने की वजह दुनियाभर में फैले इनके डाटा सेंटर्स के नेटवर्क है। आसान भाषा में समझें तो ये ऐप्स टेलीग्राम क्लोन्स के तौर पर डिवाइसेज तक पहुंचे। 

क्या है खुद को सुरक्षित रखने का तरीका?
गूगल को जैसे ही इन ऐप्स और स्पाईवेयर के बारे में पता चला वैसे ही इन ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है। हालांकि, हटाए जाने से पहले इन ऐप्स को लाखों यूजर्स डाउनलोड कर चुके थे। बेहद जरूरी है कि आप लोकप्रिय ऐप्स के क्लोन या मॉडिफाइड वर्जन इस्तेमाल ना करें और इन्हें अपने फोन से डिलीट कर दें। साथ ही प्ले स्टोर पर मौजूद किसी ऐप के संदिग्ध लगने पर आप उसे रिपोर्ट भी कर सकते हैं। 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।