Hindi Newsगैजेट्स न्यूज़first human patient with neuralink chip in his brain can control mouse through thinking says musk - Tech news hindi

दिमाग में फिट 'कंप्यूटर' और सोचकर कंट्रोल हो रहा माउस, एलन मस्क की न्यूरालिंक का जादू

एलन मस्क की कंपनी Neuralink का मकसद इंसानी दिमाग में एक कंप्यूटर चिप फिट करना है और जल्द ही यह कल्पना सच्चाई में बदलने वाली है। अब मस्क ने इसकी टेस्टिंग से जुड़ा एक बड़ा दावा किया है।

Pranesh Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 20 Feb 2024 09:20 PM
share Share

अमेरिकी अरबपति एलन मस्क भविष्य की दुनिया तैयार कर रहे हैं और उनकी कई कंपनियों में से 'न्यूरालिंक' भी एक है। यह कंपनी इंसानी दिमाग में कंप्यूटर चिप फिट कर रही है, जिससे केवल सोचने भर से कंप्यूटर और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज कंट्रोल किए जा सकेंगे। एलन मस्क ने बताया है कि इंसानों पर इसकी टेस्टिंग शुरू हो गई है। 

मस्क ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X पर स्पेसेज ऑडियो इवेंट में न्यूरालिंक के डिवेलपमेंट पर बात की और बताया कि एक पेशेंट के दिमाग में यह इंप्लांट किया गया है और वह सोचनेभर से माउस कंट्रोल कर सकता है। उन्होंने कहा, "अच्छी प्रोग्रेस दिख रही है और पेशेंट अच्छे से रिकवरी कर रहा है। न्यूरल इफेक्ट्स के साथ अब वह बिल्कुल ठीक है।"

स्क्रीन पर मूव कर सकता है माउस
एलन मस्क ने बताया कि पेशेंट अब केवल सोचने भर से स्क्रीन पर माउस का कर्सर और पॉइंटर मूव कर पा रहा है। इसके अलावा अभी कंपनी इस पेशेंट की मदद से ज्यादा से ज्यादा माउस क्लिक्स करवाने की कोशिश कर रही है। बता दें, कंपनी की ओर से पिछले महीने पहले इंसान पर इस चिप का इंप्लांट किया गया था और इसे पिछले साल सितंबर में ह्यूमन ट्रायल की परमिशन दी गई थी।

कई बीमारियों का हो सकेगा इलाज
न्यूरालिंक को लेकर दावा है कि सफल टेस्टिंग के बाद इस चिप का इस्तेमाल उन मरीजों के साथ किया जाएगा, जो पैरालिसिस या अन्य अंगों की अक्षमता से जूझ रहे हैं। इसके अलावा ऑटिज्म, ड्रिप्रेशन और स्किट्जोफ्रेनिया जैसी मानसिक बीमारियां भी इसकी मदद से ठीक की जा सकेंगी। हालांकि, इस चिप के सुरक्षित होने को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। 

लंबे वक्त से कंपनी जानवरों पर इस चिप की टेस्टिंग कर रही थी और एक बंदर को केवल सोचने भर से गेम खेलते हुए दिखाया गया है। एलन मस्क की कंपनी पर जानवरों को नुकसान पहुंचाने के आरोप भी लगे हैं और एक रिपोर्ट की मानें तो साल 2018 के बाद इस चिप की टेस्टिंग के दौरान लगभग 1,500 जानवरों की मौत हुई है। हालांकि, अब इसके सुरक्षित होने का दावा किया जा रहा है। 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें