जकरबर्ग का फरमान: रिमोट वर्क पॉलिसी बंद, हफ्ते में 3 दिन करना होगा ऑफिस से काम
मेटा अपनी फुल-टाइम रिमोट-वर्क पॉलिसी को वापस ले रही है, हालांकि कंपनी अभी भी हाइब्रिड वर्क का ऑप्शन दे रही है। नई पॉलिसी के तहत, मेटा कर्मचारियों को सप्ताह में तीन दिन ऑफिस से काम करना पड़ेगा।
फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा अपनी फुल-टाइम रिमोट-वर्क पॉलिसी को वापस ले रही है, हालांकि कंपनी अभी भी हाइब्रिड वर्क का ऑप्शन दे रही है। नई पॉलिसी के तहत, मेटा कर्मचारियों को सप्ताह में तीन दिन ऑफिस से काम करना पड़ेगा, जबकि रिमोट कर्मचारी घर से काम करना जारी रख सकते हैं। नई पॉलिसी सितंबर में लागू होगी। दरअसल, ओमिक्रॉन वेरिएंट के डर के बीच कंपनी ने 2021 में अपनी रिमोट-वर्क पॉलिसी को आगे बढ़ाया था। हालांकि, मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने पिछले साल के अंत में कंपनी द्वारा 11,000 कर्मचारियों की छंटनी करने के बाद रिमोट वर्क को बंद करने का हिंट देना शुरू कर दिया था। केवल मेटा ही नहीं, अमेजन, गूगल और ऐप्पल समेत अन्य बड़ी टेक कंपनियां भी हाइब्रिड मॉडल में काम कर रही हैं।
मेटा के प्रवक्ता ने सीएनबीसी में पॉलिसी में बदलाव की पुष्टि की और कहा कि कंपनी इसके "सार्थक प्रभाव" की उम्मीद करती है। बयान में कहा गया है, "हम डिस्ट्रीब्यूटेड वर्क के लिए प्रतिबद्ध हैं, और हमें विश्वास है कि लोग ऑफिस और घर दोनों जगह से मीनिंगफुल इम्पेक्ट डाल सकते हैं। "
कोविड के समय जकरबर्ग ने कहा था ये
दरअसल, नवंबर 2022 में छंटनी के पहले दौर की घोषणा के बाद, मेटा अपने कर्मचारियों को ऑफिस वापस लाने के अलग-अलग तरीकों पर विचार कर रहा है। जकरबर्ग ने इंटरनल स्टडीज का हवाला देते हुए यह दावा किया कि ऑफिस से काम करने वाले इंजीनियरों ने रिमोटली काम करने वालों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। लेकिन जकरबर्ग की यह बात 2021 में COVID-19 महामारी के पीक के दौरान कही गई बात से बिल्कुल अलग थी। क्योंकि उस समय उन्होंने कहा था कि "अच्छा काम" "कहीं भी किया जा सकता है।"
10 हजार कर्मचारियों को फिर निकालेगी कंपनी
मेटा छंटनी के दूसरे दौर को पूरा करने की प्रक्रिया में भी है, जिसका खतरा 10,000 से ज्यादा कर्मचारियों पर मंडरा रहा है। कंपनी ने कर्मचारियों के "भत्तों" में भी कटौती की है, जिसमें - कर्मचारियों की मानसिक स्वस्थ के लिए महामारी के दौरान पेश किए गए एक्स्ट्रा वैकेशन डेज यानी मेटा डेज भी शामिल हैं।
ऐसी पॉलिसी से नाराज हैं ऐप्पल और अमेजन के कर्मचारी
एक तरफ जहां मेटा, सप्ताह में तीन बार कर्मचारियों को ऑफिस में लाने के लिए हर संभव उपाय कर रही है। वहीं दूसरी ओर, ऐप्पल के कर्मचारियों ने कंपनी के अनिवार्य तीन-दिन वर्क-फ्रॉम-ऑफिस पॉलिसी से असंतोष व्यक्त किया। लेकिन ऐप्पल का मानना है कि कंपनी के कल्चर और फ्यूचर के लिए "इन-पर्सन कोलेबोरेशन" जरूरी है। इसी तरह, अमेजन के कर्मचारियों ने भी इस हफ्ते की शुरुआत में ऑफिस से तीन दिन के काम को अनिवार्य करने के कंपनी के फैसले के बाद वाकआउट किया था। अमेजन के कर्मचारी भी छंटनी के फैसले से खफा हैं।
भारतीय कंपनी भी पीछे नहीं
सिर्फ विदेशी टेक फर्म ही नहीं, भारतीय टेक फर्म भी इसी तरह के उपाय कर रही हैं क्योंकि COVID-19 मामलों में गिरावट जारी है। हाल ही में टीसीएस ने कर्मचारियों को कंपनी की वर्क फ्रॉम ऑफिस पॉलिसी का पालन करने की चेतावनी जारी की थी। दरअसल कंपनी चाहती है कि लोग सप्ताह में तीन दिन ऑफिस से काम करें, जो कि महीने में 12 दिन है।
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