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OMG! खतरे में हैं इस टेलीकॉम कंपनी के लाखों ग्राहक, डार्क वेब पर बिक रहा पर्सनल डेटा

टेलीकॉम ऑपरेटर BSNL (भारत संचार निगम लिमिटेड) को डेटा ब्रीच का सामना करना पड़ा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लाखों बीएसएनएल इंटरनेट और लैंडलाइन यूजर्स का चुराया गया डेटा डार्क वेब पर बिक रहा है।

Arpit Soni लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 24 Dec 2023 12:10 PM
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OMG! खतरे में हैं इस टेलीकॉम कंपनी के लाखों ग्राहक, डार्क वेब पर बिक रहा पर्सनल डेटा

टेलीकॉम ऑपरेटर BSNL (भारत संचार निगम लिमिटेड) को डेटा ब्रीच का सामना करना पड़ा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लाखों बीएसएनएल इंटरनेट और लैंडलाइन यूजर्स का चुराया गया डेटा हैकर्स द्वारा डार्क वेब पर बेचा जा रहा है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, डार्क वेब पर "Perell" नाम के हैकर से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसने एक टेलीकॉम कंपनी के यूजर्स, विशेष रूप से भारत में बीएसएनएल का फाइबर और लैंडलाइन कनेक्शन यूज करने वालों ग्राहकों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने का दावा किया है।

ईमेल एड्रेस से लेकर नंबर तक सब लीक
"पेरेल" नाम से काम करने वाले इस हैकर ने चुराए गए डेटा के एक हिस्से को डार्क वेब पर उजागर किया है। डेटासेट में ईमेल एड्रेस, बिलिंग डिटेल, कॉन्टैक्ट नंबर और बीएसएनएल के फाइबर और लैंडलाइन यूजर्स से जुड़े अन्य पर्सनल डेटा जैसी संवेदनशील जानकारी शामिल हैं। इसके अलावा, ऐसा कहा जा रहा है कि अधिक महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि मोबाइल सर्विस आउटेज रिकॉर्ड, नेटवर्क डिटेल, कम्प्लीटेड ऑर्डर और ग्राहक जानकारी से समझौता किया गया है।

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हैकर के पास 29 लाख लाइन्स की डिटेल
मामले से परिचित एक सूत्र ने इस ब्रीच की गंभीरता पर प्रकाश डाला, और जोर देकर कहा कि यह ब्रीच बीएसएनएल ग्राहकों की गोपनीयता और सुरक्षा के लिए तत्काल खतरा पैदा करता है। हैकर द्वारा शेयर किए गए डेटा में लगभग 32,000 लाइन्स की जानकारी शामिल है, लेकिन हैकर का दावा है कि उसने सभी डेटाबेस से लगभग 2.9 मिलियन (29 लाख) लाइन्स का डेटा हासिल कर लिया है, जिसमें बीएसएनएल ग्राहकों के जिले वाइस डिटेल भी शामिल हैं। इस ब्रीच के संबंध में बीएसएनएल की ओर से कोई कमेंट नहीं किया गया है लेकिन भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसी सर्ट-इन को कथित तौर पर इस हैकिंग घटना के बारे में सूचित किया गया है।

ग्राहकों पर मंडरा रहा यह खतरा
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट और इंडिया फ्यूचर फाउंडेशन के फाउंडर कनिष्क गौड़ ने इस ब्रीच पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के ब्रीच का बीएसएनएल और उसके यूजर्स दोनों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। गौड़ ने इस ब्रीच की गंभीरता के बारे में बताते हुए कहा कि यह न केवल ग्राहकों की गोपनीयता को खतरे में डालता है बल्कि उन्हें पहचान की चोरी, वित्तीय धोखाधड़ी और टारगेट फिशिंग जैसे जोखिमों के लिए भी उजागर करता है। यह स्थिति जोखिमों को कम करने और प्रभावित यूजर्स को समझौता किए गए डेटा से होने वाले संभावित नुकसान से बचाने के लिए बीएसएनएल और संबंधित अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की मांग करती है।

 

(कवर फोटो क्रेडिट-depositphotos)

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