राहत: मोबाइल यूजर्स को 1 से ज्यादा SIM रखने पर नहीं देगा होगा चार्ज, TRAI ने ऐसी रिपोर्ट्स को नकारा
TRAI ने ऐसी कई मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया है, जिसमें दावा किया गया है कि वह कई सिम या नंबरिंग रिसोर्सेस को रखने के लिए ग्राहकों से चार्ज लेने की योजना बना रहा है।
अगर आप दो सिम यूज कर रहे हैं और यह सोचकर परेशान हैं कि अब इसके लिए आपको एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा, तो आप राहत की सांस ले लीजिए, क्योंकि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। दरअसल, ट्राई (TRAI) ने ऐसी कई मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया है, जिसमें दावा किया गया है कि वह कई सिम या नंबरिंग रिसोर्सेस को रखने के लिए ग्राहकों से चार्ज लेने की योजना बना रहा है। ट्राई ने ऐसे दावों को "पूरी तरह से झूठा और निराधार" बताते हुए कहा कि ये रिपोर्ट केवल जनता को गुमराह करने का काम करती हैं।
ट्राई ने किया रिपोर्ट्स का खंडन
ट्राई ने 14 जून को कहा कि "...कुछ मीडिया हाउस ने रिपोर्ट की है कि ट्राई ने सीमित रिसोर्सेस के कुशल आवंटन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मोबाइल और लैंडलाइन नंबरों के लिए शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया है। यह अटकलें कि ट्राई कई सिम/नंबरिंग रिसोर्सेस रखने के लिए ग्राहकों पर शुल्क लगाने का इरादा रखता है, बिल्कुल गलत हैं।"
रेगुलेटर ने यह स्पष्टीकरण अपने लेटेस्ट डिस्कशन पेपर "रिविजन ऑफ नेशनल नंबरिंग प्लान" पर जारी किया, जिसे 6 जून, 2024 को जारी किया गया था। दरअसल, ट्राई ने 6 जून को इंडस्ट्री से इस बारे में विचार आमंत्रित किए थे कि यदि आवंटित टेलीकम्युनिकेशन आइडेंटिफायर (TI) रिसोर्सेस एक निश्चित समय सीमा से अधिक अनयूज्ड रहते हैं, तो क्या टेलीकॉम कंपनियों पर वित्तीय प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। बता दें कि, टीआई (TI) नंबर, कैरेक्टर्स और सिंबल्स की एक सीरीज या इनका कॉम्बीनेशन है, जिसका उपयोग लैंडलाइन और मोबाइल सर्विसेस के यूनिक यूजर की पहचान करने के लिए किया जाता है।
रेगुलेटर ने कहा कि 5G नेटवर्क के आने के साथ एफिशियंस कम्युनिकेशन और नेटवर्क मैनेजमेंट सुनिश्चित करने में टीआई महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
अपने पेपर में ट्राई ने बताया कि भारतीय टेलीकॉम कंपनियों अक्सर बाजार की मांग का फायदा उठाते हुए, ऊंची कीमतों पर प्रीमियम या बेहद यूनिक नंबर्स की पेशकश करती हैं और ऐसे नंबरों को बेचने के लिए और रेवेन्यू बढ़ाने के लिए नीलामी का सहारा लेती हैं।
रेगुलेटर ने आगे कहा कि इस तरह की प्रथाओं से नंबरिंग रिसोर्सेस का ठीक तरह से उपयोग नहीं होता है और नंबरिंग रिसोर्सेस की जमाखोरी होती है। "इसलिए, आवंटित नंबरिंग रिसोर्सेस के बदले टेलीकॉम कंपनियों से मामूली शुल्क वसूलने पर विचार करना समझदारी हो सकती है।"
टेलीकॉम कंपनियों ने कहा- ग्राहकों पर पड़ेगा बोझ
हालांकि, टेलीकॉम कंपनियों ने रेगुलेटर के प्रस्तावों के जवाब में आगाह किया है कि नंबरों की बिक्री पर शुल्क वसूलने के किसी भी कदम के परिणामस्वरूप अतिरिक्त लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
रेगुलेटर ने 14 जून को कहा कि उसने लगातार न्यूनतम रेगुलेटरी हस्तक्षेप की वकालत की है तथा बाजार की ताकतों में सहनशीलता और सेल्फ रेगुलेशन को बढ़ावा दिया है। ट्राई ने आगे कहा कि "हम स्पष्ट रूप से किसी भी गलत अनुमान को अस्वीकार करते हैं और इसकी कड़ी निंदा करते हैं जो कंसल्टेशन पेपर के संबंध में भ्रामक जानकारी के प्रसार को बढ़ावा देता है।"
(कवर फोटो क्रेडिट-justdial)
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