Infosys के हायरिंग प्रोसेस में हुआ बदलाव, ऑफर लेटर को लेकर कंपनी ने लिया बड़ा फैसला
इन्फोसिस ने अपने हायरिंग प्रोसेस में बड़ा बदलाव किया है। रिपोर्ट के अनुसार इन्फोसिस ने ईमेल पर जॉब ऑफर लेटर भेजने की प्रक्रिया को बंद कर दिया है। इसका मेन टारगेट फेक रिक्रूटमेंट प्रैक्टिस पर रोक लगाना और कैंडिडेट्स को स्कैम्स से बचाना है।
आईटी कंपनी इन्फोसिस ने अपने हायरिंग प्रोसेस में बड़ा बदलाव किया है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार इन्फोसिस ने ईमेल पर जॉब ऑफर लेटर भेजने की प्रक्रिया को बंद कर दिया है। नए ग्रेजुएट्स और लैटरल हायरिंग वाले कैंडिडेट्स को अब अपनी जॉब ऐप्लिकेशन के डिटेल्स को ऐक्सेस करने के लिए इंफोसिस के इंटरनल सिस्टम में लॉग इन करना जरूरी है। कंपनी का यह फैसला कई उद्देश्यों को पूरा करता है। इसका मेन टारगेट फेक रिक्रूटमेंट प्रैक्टिस पर रोक लगानाा और ओवरऑल हायरिंग प्रोसेस के एक्सपीरियंस को बेहतर बनाते हुए कैंडिडेट्स को स्कैम्स से बचाना है। इसके अलावा, यह कदम कंपनी के पेपरलेस होने की कमिटमेंट को भी प्रमोट करता है।
ऑफर लेटर को कर सकते हैं वैलिडेट
इन्फोसिस के करियर वेबसाइट पर यूजर्स को इसके लिए एक नोटिस भी दिखेगा। इस नोटिस में लिखा है कि इन्फोसिस ऑफर लेटर और इससे जुड़े दूसरे डॉक्यूमेंट केवल कंपनी की करियर साइट पर उपलब्ध हैं। कैंडिडेट्स इसे अपने लॉग इन डीटेल को एंटर करके ऐक्सेस कर सकते हैं। कंपनी ने एक लिंक भी शेयर किया है, जिसपर क्लिक करके यूजर अपने ऑफर लेटर को वैलिडेट कर सकते हैं। यह लिंक https://career.infosys.com/offerValidation है।
ऑनबोर्डिंग में देरी को लेकर चल रहे विवादों के बीच आया फैसला
कंपनी का यह फैसला इंडियन सॉफ्टवेयर सर्विस सेक्टर में नए लोगों की जॉइनिंग में देरी को लेकर चल रहे विवादों के बीच आया है। इन्फोसिस के साथ काम करने वाले एक रिक्रूटमेंट वेंडर ने नाम का खुलासा न करने की शर्त पर ईटी से कहा कि नया तरीका रिक्रूटमेंट फ्रॉड को काफी कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही यह कैंडिडेट्स के लिए कॉम्पीटिंग एम्प्लॉयर्स के साथ बातचीत करना भी और मुश्किल बना सकता है।
रिक्रूटमेंट फ्रॉड को लेकर चिंतित है इन्फोसिस
इन्फोसिस ने अपनी करियर वेबसाइट पर भी बढ़ रहे रिक्रूटमेंट फ्रॉड को लेकर चिंता जताई है। जालसाजों को फेक जॉब ओपनिंग्स को पोस्ट करने और धोखाधड़ी वाले ऑफर्स के साथ नौकरी की तलाश कर रहे लोगों से कॉन्टैक्ट करने के लिए जाना जाता है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि अनुपयुक्त या कम कमिटमेंट वाले एम्प्लॉयी को काम पर रखने से सर्विस डिलिवरी में समस्याएं आ सकती हैं, जिससे क्लाइंट की संतुष्टि और प्रोडक्टिविटी पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है।
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