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खतरे में कंप्यूटर और लैपटॉप यूजर, सरकार ने दी क्रिटिकल सिक्योरिटी वॉर्निंग, भारी नुकसान का डर

CERT-In ने माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के यूजर्स के लिए क्रिटिकल सिक्योरिटी वॉर्निंग जारी की है। इस खतरे से इंडिविजुअल यूजर के अलावा ऑर्गनाइजेशन्स को भी अलर्ट किया गया है। इस खतरे से यूजर्स को भारी नुकसान हो सकता है क्योंकि यह हैकर्स को कंप्यूटर का ऐक्सेस दे देता है।

Kumar Prashant Singh लाइव हिन्दुस्तानSat, 18 May 2024 03:35 AM
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माइक्रोसॉफ्ट विंडोज यूजर्स के ऊपर एक बार फिर से बड़ा खतरा मंडरा रहा है। सरकारी एजेंसी CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) ने माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के यूजर्स के लिए क्रिटिकल सिक्योरिटी वॉर्निंग जारी की है। हाई रेटिंग वाले इस खतरे से इंडिविजुअल यूजर के अलावा ऑर्गनाइजेशन्स को भी अलर्ट किया गया है। CERT-In के अनुसार यह खतरा माइक्रोसॉफ्ट के साथ माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस, माइक्रोसॉफ्ट डेवेलपर्स टूल, Microsoft Azure, माइक्रोसॉफ्ट डाइनैमिक्स, बिंज ब्रॉउजर और माइक्रोसॉफ्ट ऐप्स में पाया गया है।

CERT-In के कहा कि हैकर बड़ी चालाकी से इन प्रोडक्ट के यूजर्स के सेंसिटिव डेटा को ऐक्सेस कर सकते हैं। माइक्रोसॉफ्ट प्रोडक्ट्स के इन खतरों से हैकर्स को सिक्योरिटी कंट्रोल्स को बाइपास करने और रिमोट कोड को रन करने का ऐक्सेस मिल जाता है। इतना ही नहीं, हैकर्स इसका फायदा उठा कर सिस्टम में denial-of-service को भी ऐक्टिवेट कर सकते हैं। CERT-In ने कहा कि इस खतरे से यूजर्स को भारी नुकसान हो सकता है क्योंकि यह हैकर्स को कंप्यूटर का पूरा ऐक्सेस दे देता है, जिससे यूजर्स के डेटा के साथ पैसों की भी चोरी की जा सकती है।

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इन स्टेप्स की मदद से आप ऐसे साइबर अटैक्स से बच सकते हैं:

1) समय-समय पर अपने ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ ऐप्लिकेशन और सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को अपडेट करें।

2) सभी अकाउंट्स के लिए यूनीक पासवर्ड चुनें और उसे थोड़ समय बाद बदलते रहा करें। आसान पासवर्ड रखने से बचें क्योंकि हैकर इन्हें बड़े आराम से क्रैक कर सकते हैं।

3) 2FA यानी टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को ऐक्टिवेट करें। यह आपके सेफ्टी को पासवर्ड के अलावा एक और सिक्योरिटी लेयर देता है। इससे हैकिंग के खतरे को कम करने में काफी मदद मिलती है।

4) संग्दिग्ध ईमेल और उसमें दिए गए लिंक पर कभी भी क्लिक न करें। साथ ही इनमें दिए गए अटैचमेंट को भी ओपन करने से बचें।

5) कंप्यूटर और लैपटॉप में अपडेटेड ऐंटी-वायरस ऐसे खतरों से बचाने का काम करता है। ये ऐंटी-वायरस सिस्टम में मौजूद मैलवेयर को डिटेक्ट करके उसे रिमूव कर देते हैं।

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6) अपने राउटर और फायरवॉल को भी अपडेट करते रहा करें। साथ ही इनके लिए हमेशा मुश्किल पासवर्ड की सेट करें। इन डिवाइसेज की गैरजरूरी सर्विसेज को भी डिसेबल कर दें।

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