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ऐपल ने भारत से यूएस भेजे iPhone, पांच प्लेन में भर कर गए प्रोडक्ट, टैरिफ डेडलाइन ने बढ़ाई थी टेंशन

ऐपल ने यह कदम नए अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव से बचने के लिए उठाया है। कंपनी ने 5 अप्रैल को 10% रेसिप्रोकल टैरिफ के लागू होने से पहले ही आईफोन और दूसरे प्रोडक्ट्स को यूएस भेज दिया है।

Kumar Prashant Singh लाइव हिन्दुस्तानTue, 8 April 2025 07:47 AM
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ऐपल ने भारत से यूएस भेजे iPhone, पांच प्लेन में भर कर गए प्रोडक्ट, टैरिफ डेडलाइन ने बढ़ाई थी टेंशन

ऐपल ने आईफोन और दूसरे प्रोडक्ट्स को पांच हवाई जहाजों में भर कर भारत से यूएस भेजा है। कंपनी ने मार्च के आखिरी हफ्ते में मात्र तीन दिन के अंदर यह काम किया है। यह जानकारी टीओआई को एक सीनियर भारतीय अधिकारी ने दी। ऐपल ने यह कदम नए अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव से बचने के लिए उठाया है। कंपनी ने 5 अप्रैल को 10% रेसिप्रोकल टैरिफ के लागू होने से पहले ही आईफोन और दूसरे प्रोडक्ट्स को यूएस भेज दिया था। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार नए टैरिफ के बावजूद भारत या दूसरे देशों में खुदरा कीमतों को बढ़ाने की फिलहाल ऐपल की कोई योजना नहीं है। कंपनी ने नए टैरिफ के असर को कम करने के लिए भारत और चीन में अपने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से इन्वेंट्री को तेजी से अमेरिका भेज दिया।

प्राइस को स्टेबल रखने की कोशिश

एक सूत्र ने टीओआई से कहा, 'भारत, चीन और दूसरे मेन लोकेशन्स की फैक्ट्रियां ज्यादा टैरिफ के लागू होने की संभावना में प्रोडकट्स को अमेरिका भेज रही थीं।' प्री-टैरिफ स्टॉकपाइलिंग ने ऐपल को अभी के लिए प्राइस को स्टेबल यानी स्थिर रखने में मदद की है। सूत्र ने कहा, 'कम ड्यूटी पर आने वाले रिजर्व स्टॉक कंपनी को कुछ समय के लिए उन उच्च कीमतों से बचाएंगे जो उसे रिवाइज्ड टैक्स रेट के तहत आने वाले नए शिपमेंट के लिए चुकाने की आवश्यकता होगी।' अमेरिका में कंपनी के गोदामों में कथित तौर पर अगले कुछ महीनों के लिए अच्छी मात्रा में स्टॉक है।

डिमांड और मार्जिन पर पड़ सकता है असर

सूत्र ने कहा, 'टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए कोई भी प्राइस हाइक केवल अमेरिकी बाजार तक सीमित नहीं हो सकता, बल्कि इसे भारत समेत ग्लोबली भी लागू करना होगा।' कंपनी इस वक्त अपने सप्लाई चेन को इसके अनुसार मैनेज करने के लिए मैन्युफैक्चरिंग लोकेशन्स पर अलग-अलग टैरिफ स्ट्रक्चर्स के प्रभाव को समझ रही है। यूएस iPhone जैसे ऐपल प्रोडक्ट्स के लिए एक मेन मार्केट बना हुआ है और कंपनी यूजर्स पर ज्यादा कॉस्ट डालने से बचने की कोशिश कर रही है, जो डिमांड और मार्जिन को प्रभावित कर सकता है।

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9 अप्रैल से 26% रेसिप्रोकल टैरिफ
ट्रम्प प्रशासन ने 26% रेसिप्रोकल टैरिफ की भी घोषणा की है, जिसे 9 अप्रैल को लागू किया जाएगा। यह आगे चलकर ऐपल की मैन्युफैक्चरिंग स्ट्रैटिजी को प्रभावित कर सकता है। भारत ग्लोबल प्रोडक्शन नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता क्योंकि कंपनी चीन से और ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग को शिफ्ट कर रही है। अभी भारत में iPhone और AirPod उत्पादन पर फोकस करने वाले ऐपल को टैरिफ से फायदा होगा क्योंकि भारतीय निर्यात पर अमेरिका को 26% रेसिप्रोकल टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है, जबकि चीनी वस्तुओं पर 54% टैरिफ लगाया जाता है।

(Photo: android authority)

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