Yodha Review: प्लेन हाइजैक, आतंकी ड्रामा..., कमजोर साबित हुई सिद्धार्थ मल्होत्रा की योद्धा, देखने से पहले पढ़े रिव्यू
- सिद्धार्थ मल्होत्रा, राशि खन्ना और दिशा पाटनी की एक्शन से भरपूर फिल्म 'योद्धा' ने आज सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है। सिद्धार्थ बीते काफी वक्त से एक्शन फिल्मों में अपना हाथ आजमाते नजर आ रहे हैं।
फिल्म: योद्धा
डायरेक्टर: सागर आम्ब्रे और पुष्कर ओझा
कास्ट: सिद्धार्थ मल्होत्रा, रोनित रॉय, सनी हिंदुजा, राशि खन्ना और दिशा पटानी
Yodha Movie Review: बॉलीवुड में सालों से देशभक्ति से ओतप्रोत फिल्में बनाने पर जोर दिया जाता रहा है। ऐसे में डायरेक्टर के लिए ये एक बड़ा चैलेंज है कि वो अपने दर्शकों को क्या नया परोसों। बीते दिनों डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद की फिल्म फाइटर रिलीज हुई थी। बॉलीवुड के सुपरस्टार्स ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण जैसे स्टार्स को कास्ट करने के बाद भी सिद्धार्थ की ये फिल्म कमाल नहीं दिखा पाई। वहीं, अब सिद्धार्थ मल्होत्रा, राशि खन्ना और दिशा पाटनी की एक्शन से भरपूर फिल्म 'योद्धा' ने आज सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है। सिद्धार्थ बीते काफी वक्त से एक्शन फिल्मों में अपना हाथ आजमाते नजर आ रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर से सिद्धार्थ देशभक्ति के रंग में रंगे नजर आए। डायरेक्टर सागर आम्ब्रे और पुष्कर ओझा की 'योद्धा' में सिद्धार्थ की एक्टिंग तो दर्शकों को पसंद आई लेकिन इसकी कहानी में काफी लोचा नजर आ रहा है।
क्या है फिल्म की कहानी?
फिल्म की कहानी की बात करें तो इसकी कहानी की शुरुआत देश के जांबाज कमांडो अरुण कत्याल (सिद्धार्थ मल्होत्रा) से होती है। अरुण को एक बेहद मुश्किल टास्क दिया जाता है जो कि आतंकियों से जुड़ा होता है। दरअसल, अरुण अपने पिता सुरेंद्र कत्याल (रोनित रॉय) की वीरता से काफी प्रभावित होता हैं और उन्हीं की बनाई गई स्पेशल टास्क फोर्स योद्धा ज्वाइन करता है, जिसका गठन उसके पिता ने ही किया था। फिल्म में राशि खन्ना ने उनकी पत्नी प्रियंवदा का किरदार निभाया है, जो एक मंत्रालय में उच्च पद पर है। प्रियंवदा इमरजेंसी सिचुएशन में नेगोशिएशन की जिम्मेदारी निभाती हैं। अरुण और प्रियंवदा अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपने जीवन को खुशी से जीते हैं कि तभी उनकी लाइफ में तूफान आ जाता है। अरुण की ड्यूटी जिस प्लेन में होती है उसे आतंकी हाईजैक कर लेते हैं और उसी प्लेन में मौजूद देश के जाने माने साइंटिस्ट को मौत के घाट उतार दिया जाता है। बस फिर क्या था इसके बाद इस पूरे मामले में जांच शुरू हो जाती है। पूरी योद्धा टीम को दोषी ठहराते हुए इंक्वायरी बिठा दी जाती है और सभी को सस्पेंड कर दिया जाता है। इसके बाद अरुण के पास एयर कमांडर बनने के अलावा कोई चारा नहीं होता। लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब अरुण को दुबई जाने वाली प्लेन की जगह पर लंदन की फ्लाइट में बिठा दिया जाता है। इस सबका इल्जाम फिर से अरुण पर डाल दिया जाता है। ऐसे में खुद को सही साबित करने के लिए अरुण को सभी पैसेंजर्स को आतंकियों से बचा पाता है। फिल्म का सेकंड हाफ एक्शन से भरपूर होने के बाद भी आपको बोर कर सकता है। फिल्म देखकर आपको कई जगहों पर ऐसा लगेगा कि राशि खन्ना के किरदार से पूरी तरह से न्याय नहीं किया गया है।
रिव्यू
डायरेक्टर सागर आम्ब्रे और पुष्कर ओझा की फिल्म योद्धा में जिस तरह से एक बार फिर कश्मीर और पाकिस्तानी मुद्दे को दिखाया गया उसे देखकर अब दर्शक बोर हो चुके हैं। अब दर्शक कुछ नया देखना चाहते हैं जो उन्हें इस फिल्म में देखने को शायद ही मिले। फिल्म कर फर्स्ट हाफ भले ही आप एंजॉय करें, लेकिन इसका सेकंड हाफ आपके सिर के ऊपर से निकलने वाला है। एक्शन सीन को भी देखकर आपको ऐसा लगेगा कि इसे कई जगहों पर जबरदस्ती डाला गया है। हालंकि, फिल्म का प्री-क्लाइमैक्स रोमांच पैदा करता है, मगर क्लाइमैक्स प्रेडिक्टेबल हो जाता है।