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Heeramandi: हीरामंडी में तवायफों को ग्लोरिफाई करने पर भंसाली ने दिया जवाब, बोले- वो परंपराओं…

Sanjay Leela Bhansali: संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज हीरामंडी को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। अब फिल्म के डायरेक्टर ने हीरामंडी को डिफेंड किया है।

Harshita Pandey लाइव हिन्दुस्तानWed, 22 May 2024 11:45 AM
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संजय लीला भंसाली की पहली वेब सीरीज नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई तो उसको बहुत पसंद किया गया। हालांकि, बहुत से लोगों ने संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज की आलोचना करते हुए कहा है कि उसमें तवायफों को ग्लोरिफाई किया गया। अब सीरीज के डायरेक्टर के इन आलोचनाओं पर चुप्पी तोड़ी है। 

'…ये महिलाएं सबसे खूबसूरत हैं'

Bollywood Hungama को दिए एक इंटरव्यू में  संजय लीला भंसाली ने तवायफों के बारे में बात करते हुए कहा कि ये महिलाएं सबसे खूबसूरत हैं। ये महिलाएं बहुत सोफिस्टिकेटेड थीं, तहजीब-तमीज में काफी ट्रेंड होती थीं। ये महिलाएं जीवन को एक कविता की तरह जीने की कला जानती थीं।

'उन्हें डायमंड और सिल्क में दिखाना काफी मजेदार था'

संजय लीला भंसाली ने आगे कहा कि उन्हें परंपराओं का पता था. वो क्लासिकल डांसिंग और क्लासिकल म्यूजिक की कला को जानती थीं, लेकिन इसके साथ ही उनके पास दर्द और पीड़ा की कहानियां भी थीं, जिससे वो गुजरी थीं…उन्हें डायमंड और सिल्क में दिखाना काफी मजेदार था क्योंकि उनकी आंखें कुछ और कह रही थीं।

वेब सीरीज में तवायफों के अंदर की उथल-पुथल को दिखाया गया

संजय लीला भंसाली ने बताया कि कैसे उन्होंने वेब सीरीज में तवायफों के अंदर की उथल-पुथल को दिखाया है। संजय लीला भंसाली ने कहा कि उनके अंदर अपनी एक अलग पॉलिटिक्स चलती थी। उन्हें जिंदगी जीने के लिए उतना ही संघर्ष करना पड़ता था, जितना एक मिडिल क्लास या लोवर क्लास महिलाओं को करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि मैनें सिर्फ ग्लैमरस पार्ट नहीं दिखाया। हर क्लोज अप में उनके अंदर का संघर्ष दिखाया गया है। उनमें से कुछ ऐसी हैं, जो हमने सुनी हैं और कुछ रियल कैरेक्टर्स से ली गई हैं।

हीरामंडी को किया डिफेंड

हीरामंडी को डिफेंड करते हुए संजय लीला भंसाली ने कहा कि यह काल्पनिक काम है और उनकी कल्पना का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि लाहौर और हीरामंडी पर मेरे काम को इस तरह नहीं देखा जाना चाहिए जैसे कि वह रियलिटी से लिया गया हो। इसमें लाहौर की छाप है। हीरामंडी की छाप है। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि यह रियलिस्टिक कैसे हो सकता है, क्योंकि मैं उस युग में नहीं जिया हूं। मैंने वो दुनिया नहीं देखी है। मैं इसे 30 या 20 के दशक की हीरामंडी की तरह आज की हीरामंडी की तरह क्लियरली नहीं दिखा सकता।

 

 

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