धर्म बन गया था सिरदर्द, उर्फी की बहनें बोलीं- पिता काट देते थे कपड़े, खाने पर थी रोक
- उर्फी जावेद के मुंह से कई बार उनके पिता के टॉर्चर की कहानी सुनी जा चुकी है। अब उनकी बहनों ने बताया कि उनके पिता बचपन में उन लोगों के साथ क्या करते थे।
उर्फी जावेद का वेब शो फॉलो कर लो यार आने के बाद उनकी बहनें भी काफी फेमस हो गई हैं। एक पॉडकास्ट के दौरान अस्फी, उरुसा और डॉली जावेद ने अपनी फैमिली और उर्फी से जुड़ी कई सारी बातें कीं। उन्होंने बताया कि पिता उन लोगों को परेशान करने के लिए कैसी-कैसी हरकतें करने लगे थे। उनको कभी खाने से मना करते तो कभी कपड़े काट देते थे।
साथ नहीं रहना चाहते थे पिता
उर्फी जावेद की बहनें हिंदी रश पॉडकास्ट में थीं। यहां उनसे पूछा गया कि उर्फी के फेमस होने के बाद क्या उनके पिता के परिवार से किसी ने कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की। इस पर उरुसा बोलीं कि वे लोग चाहती भी नहीं हैं। जब पिता के बारे में पूछा गया तो वे बोलीं कि वे चाहते ही नहीं हैं। उन्होंने छोड़ दिया तो छोड़ दिया।
दुपट्टा ना पहनो तो पड़ती थी डांट
डॉली जावेद ने बताया कि उनके पिता घर पर आते-जाते रहते थे। कभी एक महीने के लिए आते तो कभी झगड़ा करके चले जाते थे। उरुसा बोलीं कि उन्हें किसी भी बात से दिक्कत हो जाती थी। अगर टीवी देखते वक्त पैर फोल्ड कर लिए तो बोलते थे, अच्छे घर की लड़कियां पैर फोल्ड करके नहीं रहती हैं। किचन जाते या सोते वक्त भी दुपट्टा पहनने को बोलते थे।
बाल खोलने पर थी रोक
अस्फी ने बताया कि वह बाल खोलकर रखने के लिए मना करते थे। अस्फी बोलीं, वह ये सब इसलिए करते थे कि वह हमें छोड़कर जाना चाहते थे। अगर ऐसे ही चले जाते तो लोग उन पर उंगली उठाते।
बोलते थे नहीं हो अच्छी मुसलमान
अस्फी और उरुसा ने बताया कि उनके पिता ने खुद ही जींस और टॉप जैसे कपड़े दिलवाए थे। एक दिन आकर सारे कपड़े काट दिए। उन्हें फोन दिया था उसे भी तोड़ दिया। उरुसा बोलीं, धर्म हमारे घर में सिरदर्द बन गया था। धर्म ऐसा होना चाहिए जिसे लोग प्यार से अपनाएं। आप धर्म के नाम पर किसी को परेशान नहीं कर सकते थे। वह हर बात पर बोलते थे कि ऐसा कर रही हो तो अच्छी मुसलमान नहीं हो। अस्फी बोलीं, वह खुद न नमाज पढ़ते थे न रोजा करते थे। जबकि मां सब करती थीं।
खाने पर भी टोकते थे पिता
अस्फी और उरुसा ने बताया कि पिता ने घर पर कैमरे लगा रखे थे। वह सब पर नजर रखते थे। अस्फी ने बताया कि वह काफी अमीर थे। उन लोगों से बोलने लगे थे कि नॉनवेज क्यों खा रहे हो अंडा खाओ। फिर कहने लगे अंडा बहुत महंगा है सब्जी खाओ। ऐसे ही बोलने लगे बहुत महंगाई है खाना एक टाइम खाओ। वह खुद दूसरे घर में रहते थे जहां पर सब कुछ खाते थे। अस्फी ने बताया कि उनकी मां से बोलते थे कि बेटियों को पढ़ाने के पैसे नहीं हैं। जब मां ने कहा शादी करवा दो तो बोले कि शादी के लिए भी पैसे नहीं हैं। उन्हें बस दूसरी शादी करनी थी।
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