एक गाने से दिनेश लाल यादव कैसे बन गए 'निरहुआ'? कभी पिता ने कहा था- लोग मिलने के लिए तरसेंगे
दिनेश लाल यादव को फैन्स तो निरहुआ के नाम से ही बुलाते हैं। निरहुआ के परिवार के कई सदस्य गायिकी में पारंगत हैं और भोजपुरी इंडस्ट्री में सक्रिय हैं। एक्टिंग से पहले वह भी जगह-जगह स्टेज शोज करते थे।
आज के वक्त में भोजपुरी के बड़े स्टार्स में से एक दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ हैं। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में जन्मे निरहुआ एक साधारण फैमिली से आते हैं। उनके बचपन का काफी वक्त कोलकता में बीता है जहां उनके पिता एक फैक्ट्री में काम करते थे। निरहुआ की पढ़ाई-लिखाई कोलकता से ही हुई है। उसके बाद वह गांव वापस लौटे। पढ़ाई खत्म करने के बाद नौकरी करने की बजाय उन्होंने सिंगिंग करने के बारे में सोचा। गायिकी उन्हें हिरासत में मिली थी। उनके पिता, पिता के बड़े भाई और कजिन सभी गाते थे।
पिता ने बढ़ाया हौसला
भोजपुरी के मशहूर लिरिक्स राइटर प्यारे लाल यादव उनके कजिन लगते हैं। निरहुआ ने उनसे सलाह मांगी तो उन्होंने गाने के लिए कहा। शुरुआत में तो उन्हें संघर्ष भी बहुत करना पड़ा। वह आस-पास के गांवों मे गाने जाते थे। कई बार रात भर गाना गाए लेकिन सुबह पैसे ही नहीं मिले। लौटते वक्त फिर उन्हें पैदल ही घर आना पड़ता। ऐसे ही चलता रहा तो उन्होंने गायिकी को छोड़ देने का फैसला किया लेकिन उनके पिता ने हौसला बढ़ाया। पिता ने उनसे कहा कि जो लोग आज उन्हें भाव नहीं दे रहे हैं एक दिन यही लोग उनसे मिलने के लिए तरसेंगे।
कम उम्र में ही पिता का हो गया था निधन
निरहुआ लगातार गाने गाते रहे। जब वह 19 साल के थे तब उनके पिता की मौत हो गई। घर के बड़े बेटे होने की वजह से परिवार की सारी जिम्मेदारी उन पर आ गई। निरहुआ पहले तो सिर्फ स्टेज शो करते थे और फिर उन्होंने एलबम करने का फैसला किया। उनका पहला एलबम 'बुढ़वा में दम बा' था। उनका यह एलबम खूब चला। लोग धीरे-धीरे उन्हें जानने लगे। 2003 में उनका एक और एल्बम निरहुआ सटल रहे रिलीज हुआ। उस एलबम को निरहुआ म्यूजिक कंपनी में देकर वापस गांव आ गए और खेती करने में बिजी हो गए। उन्होंने सोचा बारिश खत्म होने के बाद वापस शहर जाएंगे।
गाना सुनने के लिए जुटी भारी भीड़
उधर एलबम रिलीज हो गया और गांव में ही निरहुआ एक कार्यक्रम के लिए जा रहे थे। रास्ते में सामने उन्हें लोगों की भारी भीड़ दिखी। पहले तो उन्हें लगा कि यह कोई मेला लगा है। वह भीड़ को हटने के लिए कहने लगे कि उन्हें कार्यक्रम में जाना है तो लोगों ने बताया कि यहीं तो कार्यक्रम होना है। निरहुआ इतनी भीड़ देखकर हैरान रह गए। दूर-दूर तक सिर्फ लोग ही लोग थे। तब भीड़ के बीच लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया 'निरहुआ सटल रहे'। तब उन्हें समझ आया कि गाना सुनकर लोग आए हैं और फिर रातभर उन्होंने वही गाना गाया। इस एलबम ने उन्हें दिनेश लाल यादव से 'निरहुआ' बना दिया।
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