शोएब इब्राहिम को कपड़े प्रेस करने के लिए मिलते थे 2 रुपये, याद किए बचपन के दिन
- शोएब इब्राहिम और दीपिका कक्कड़ ने अपने नए व्लॉग में बचपन की यादें ताजा की हैं। शोएब ने बताया कि कैसे बचपन में वह हफ्ते में 3 दिन काम करके 6 रुपये कमा लेते थे। दीपिका ने भी पॉकेट मनी याद की।
शोएब इब्राहिम और दीपिका कक्कड़ अपने व्लॉग्स में जिंदगी से जुड़े किस्से लोगों से साझा करते रहते हैं। उनका एक लॉयल फैनबेस है जो उनकी जिंदगी से जुड़ाव महसूस करता है। लेटेस्ट व्लॉग में शोएब अपने कपड़ों आयरन कर रहे होते हैं। इसी बीच उन्हें अपना बचपन याद आ जाता है। जब वह अपने पिता के कपड़ों पर इस्त्री करते थे। बदले में उन्हें पैसे मिलते हैं। दीपिका कक्कड़ भी अपने पॉकेटमनी वाले दिन याद करती हैं।
प्रेस करने के मिलते थे पैसे
व्लॉग में शोएब अपनी शर्ट पर आयरन करते दिखते हैं। थोड़े खोए दिखते हैं तो दीपिका पूछती हैं कि वह क्या याद कर रही हैं। इस पर शोएब बोलते हैं, 'वैसे हम लोग स्टीम आयरन करते हैं लेकिन आज शर्ट पर ज्यादा क्रीज थी तो मैं यह आयरन करने लगा। इससे मुझे याद आ गया कि मैं कैसे पापा के कपड़ों पर इस्त्री करता था। तब मैं छोटा था, कपड़ों की तह लगाता था इसके बदले 2 रुपये मिलते थे। बाद में बड़ा हो गया। चौथी और पांचवी क्लास में रहा होऊंगा, मैंने पापा से कहा कि कपड़ों पर प्रेस करूंगा और इसके बदले 2 रुपये दीजिए। मुझे वही याद आ गया।'
दीपिका को भी याद आए पुराने दिन
दीपिका बोलीं, वो भी क्या दिन थे, हमें, 2,5, 10 रुपये पॉकेट मनी में मिल जाते थे। शोएब बोले, 'पॉकेट मनी तो तब होती है जब आपने कुछ किया ना हो और पैसे मिल जाएं। ये तो मैं कमाता था। एक हफ्ते में 3 दिन पापा के कपड़ों पर आयरन करके 6 रुपये कमा लेता था।'
दूध में बचाते थे पैसे
शोएब ने यह भी बताया, 'ऐसा भी वक्त था जब डेयरी से दूध का पैकेट लाओ तो उसमें 50 पैसे बचा लो। इसलिए मैं दौड़कर दूध लेने जाता था ताकि 1 रुपये या 50 पैसे बचा सकूं। पैसे बचाकर में 1 रुपये की पानीपूरी खा लेता था। भोपाल में उन दिनों मैं 1 रुपये में रह लेता था।'
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