Hindi Newsएंटरटेनमेंट न्यूज़Swatantrya Veer Savarkar Randeep Hooda recalls being jobless for 11 years selling household items for survival

डिप्रेशन में चले गए थे रणदीप हुड्डा; घर का सामान बेच-बेचकर जिंदगी गुजारने पर मजबूर हो गए थे एक्टर

Swatantrya Veer Savarkar: ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ फेम रणदीप हुड्डा ने अपने स्ट्रगल के दिनों को याद किया। पढ़िए क्या बोले एक्टर।

Vartika Tolani लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 22 March 2024 12:22 PM
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रणदीप हुडा की फिल्म ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। एक्टर ने फिल्म के प्रमोशन के दौरान अपने फेलियर पर बात की। रणदीप ने बताया कि उनकी जिंदगी में एक समय ऐसा भी आया था जब वह डिप्रेशन में चले गए थे। उनके पास कोई काम नहीं था और वह घर का सामान बेच-बेचकर जिंदगी काट रहे थे। उनके मां-बाप उनकी ऐसी हालत देखकर परेशान हो गए थे।

कई सालों तक नहीं मिला था कोई काम

रणदीप ने ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को दिए इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने अपने 23 साल के करियर में कई साल बिना काम के गुजारे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी हालत ऐसी हो गई थी कि उन्होंने अपनी जिंदगी चलाने के लिए अपनी कार तक बेच दी थी। इतना ही नहीं उन्होंने धीरे-धीरे अपने घर के सामान भी बेचना शुरू कर दिया था। 

तीन साल तक नहीं काटे थे अपने बाल

रणदीप ने बताया कि साल 2016 में ‘बैटल ऑफ सारागढ़ी’ की अनाउंसमेंट करने के बाद उन्होंने स्वर्ण मंदिर जाकर कसम खाई थी कि जब तक ये फिल्म नहीं बनेगी तब तक वह अपने बाल नहीं काटेंगे। हालांकि, इसी बची अक्षय कुमार की ‘केसरी’ आ गई। ‘केसरी’ भी उसी मुद्दे पर बनी थी जिस मुद्दे पर ‘बैटल ऑफ सारागढ़ी’ बन रही थी। ‘केसरी’ फ्लॉप हो गई इसलिए ‘बैटल ऑफ सरागढ़ी’ को रिलीज नहीं किया गया। मुझे लगा कि मैंने अपनी जिंदगी के तीन साल बर्बाद कर दिए। मैंने अपने आपको कमरे में बंद कर दिया था ताकि कोई मेरे बाल न काटे। मैं डिप्रेशन में चला गया था। हालांकि, जब तक उस फिल्म को न्याय नहीं मिला मैंने अपने बाल नहीं काटे थे।

 

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