Satish Kaushik: फिल्म देखने के लिए किताबें बेच देते थे सतीश कौशिक, जानें क्यों मोहल्ले वालों ने 'हरी पत्ती' रखा था नाम
बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर्स में शुमार सतीश कौशिक ने कुछ वक्त पहले ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल को हुआ था और आज उनकी बर्थ एनिवर्सिरी है। ऐसे में जानें कुछ किस्से...
Satish Kaushik Birth Anniversary: सतीश कौशिक सिर्फ एक दमदार एक्टर ही नहीं बल्कि एक उम्दा निर्देशक, प्रोड्यूसर, कॉमेडियन और स्क्रीन राइटर भी थे। सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1956 को हरियाणा में हुआ था। सतीश की शुरुआती पढ़ाई- लिखाई दिल्ली में हुई। दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) में एडमिशन ले लिया और इसके बाद वह फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से एक्टिंग का कोर्स कर मुंबई के लिए निकल पड़े। साल 1983 में सतीश कौशिक ने बॉलीवुड में कदम रखा और 9 मार्च 2023 को सतीश कौशिक ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। सतीश कौशिक की बर्थ एनिवर्सिरी पर आपको बताते हैं सतीश कौशिक के बारे में कुछ किस्से...
फिल्में देखने के लिए क्या करते थे सतीश कौशिक
सतीश कौशिक के परिवार का सिनेमाई दुनिया से कोई कनेक्शन नहीं था, लेकिन उन्हें बचपन से ही सिनेमा का क्रेज था। सतीश कौशिक को फिल्में देखना काफी पसंद था और ऐसे में कभी वो अपनी किताबें बेचकर फिल्में देखा करते थे तो कभी कुछ और जुगाड़। एक बार तो सतीश ने मां से 5 रुपये चुरा लिए थे, जिसकी जानकारी मोहल्ले वालों को भी हो गई थी। इसके बाद से ही सतीश कौशिक को मोहल्ले के लोग 'हरी पत्ती' कहने लगे थे।
2 वर्षीय बेटे के निधन से टूट गए थे सतीश कौशिक
सतीश कौशिक की शादी साल 1985 में शशि से हुई थी। इसके बाद साल 1994 में दोनों के घर किलकारी गूंजी और बेटे शानू कौशिक का जन्म हुआ। हालांकि ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था और साल 1996 में महज 2 वर्षीय शानू का निधन हो गया। बेटे के निधन से शशि और सतीश पूरी तरह से टूट गए थे। बता दें कि इसके बाद साल 2012 में सेरोगेसी की मदद से कपल के घर पर एक बार फिर किलकारी गूंजी और बेटी वंशिका का जन्म हुआ। सतीश कौशिख 56 की उम्र में दोबारा पिता बने थे।
निर्देशक को एक्स रे रिपोर्ट भेजने को कहा था...
1983 में एक फिल्म आई थी, जिसका नाम था मंडी और उसके निर्देशक श्याम बेनेगल थे। इस फिल्म में सतीश कौशिक ने काउंसिलर का कैरेक्टर प्ले किया था। फिल्म में उनकी कास्टिंग का मजेदार किस्सा था, जो उन्होंने खुद सुनया था। सतीश ने बताया था कि उन्होंने निर्देशक को अपने एक्स रे रिपोर्ट्स भेजने की बात कह दी थी। सतीश ने बताया था कि वो अपने लुक्स को लेकर काफी परेशान रहते थे और ऐसे में एक बार उन्हें निर्देशक श्याम बेनेगल का फोन आया। अब उस वक्त सतीश और ज्यादा परेशान थे, क्योंकि उन्हें उनके किडनी स्टोन्स का पता लगा था, और अस्पताल से वो उसकी एक्स रे रिपोर्ट लेकर लौट रहे थे। ऐसे में फोन पर श्याम बेनेगल ने उनसे उनकी तस्वीरें मांगी। सतीश ने कहा था,'मेरे पास फोटो नहीं थी और ये भी पता था कि फोटो देखकर तो कास्टिंग होगी नहीं....। मैंने उस माहौल को थोड़ा इम्प्रोवाइज किया और मैंने उनसे कहा कि मेरे पास अपनी तस्वीरें तो नहीं हैं, लेकिन एक्स-रे रिपोर्ट् है। मैं अंदर से बहुत अच्छा इंसान हूं... श्याम जी को इस बात पर बहुत हंसी आई, उन्होंने मुझे कहा कि मुझे फिल्म मंडी में काम मिल गया है।'
सतीश का सिनेमाई सफर
बतौर निर्देशक सतीश कौशिक ने जहां रूप की रानी चोरों का राजा, प्रेम, हम आपके दिल में रहते हैं, हमारा दिल आपके पास है, मुझे कुछ कहना है, बधाई हो बधाई, तेरे नाम, क्योंकि, ढोल और कागज जैसी बेहतरीन फिल्मों का निर्देशन किया तो बतौर एक्टर उन्होंने मिस्टर इंडिया, मोहब्बत, जलवा, राम लखन, जमाई राजा, अंदाज, मिस्टर और मिसेज खिलाड़ी, साजन चले ससुराल, दिवाना मस्ताना, परदेसी बाबू, बड़े मियां छोटे मियां, हसीना मान जाएगा, राजा जी, आ अब लौट चलें, हम आपके दिल में रहते हैं, चल मेरे भाई, हद कर दी आपने, दुल्हन हम ले जाएंगे, क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता, गॉड तुस्सी ग्रेट हो और कागज सहित कई फिल्मों में दम दिखाया था।