VIDEO: 5जी मामले को ‘पब्लिसिटी स्टंट’ बताने पर जूही चावला का जवाब- 'घर के पास 14 टावर लग गए थे जिससे..’
अभिनेत्री जूही चावला ने 5जी के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने 5जी नेटवर्क तकनीक के कारण स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में सवाल किया। उनकी याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था।...
अभिनेत्री जूही चावला ने 5जी के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने 5जी नेटवर्क तकनीक के कारण स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में सवाल किया। उनकी याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इस मामले में जूही चावला को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। अब इस पर उन्होंने एक लंबा चौड़ा वीडियो पोस्ट किया है और अपना पक्ष रखा है। जूही चावला ने वीडियो के जरिए बताया कि यह पब्लिसिटी स्टंट नहीं था। उन्होंने इसके पीछे कई तर्क दिए। 14 मिनट 50 सेकेंड के वीडियो में जूही कहती हैं कि ‘जब दिल्ली हाई कोर्ट गए तो हमारी यह मांग थी कि यह सर्टिफाई करके दीजिए कि यह पुरुषों, महिलाओं, बच्चों, पशु-पक्षियों सहित अन्य के लिए सुरक्षित है।‘
14 टावर लगे थे
जूही आगे बताती हैं कि ‘2010 में मेरे घर के सामने अचानक एक दिन बालकनी से देखा कि करीब 30 मीटर की दूरी पर 14 टावर लगे हुए हैं। तब तक मुझे नहीं पता था कि यह क्या है। मुझे किसी ने बताया कि यह मोबाइल टावर है। उस वक्त हमने सोचा कि जांच करा लेते हैं कि जहां हम रह रहे हैं वह रेडिएशन से कितना सुरक्षित हैं।‘
खतरनाक स्तर तक था रेडिएशन
जूही कहती हैं कि ‘काफी मुश्किल से हमें एक एजेंसी मिली जो रेडिएशन की जांच के लिए हमारे घर पहुंची। उन्होंने मुझे दिखाया कि उनका जो मीटर था उसमें रेडिएशन लेवल मैक्सिमम था। उन्होंने अपने रिपोर्ट में बताया कि इस तरह के रेडिएशन लंबे समय के लिए खतरनाक हो सकते हैं। इससे अनिद्रा, याददाश्त का कम होना, सिरदर्द, एकाग्रता में कमी, ब्लड प्रेशर लेवल में उतार-चढ़ाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं।‘
खुद तय करिए
आगे जूही कहती हैं कि ‘2020 में 5जी की खबरें आने लगीं। हर कंपनी तेज नेटवर्क देने के चक्कर में चारों तरफ रेडिएशन से भर देंगी। ऐसे में अगर हमने महिलाओं, बच्चों, आने वाली पीढ़ियों, बड़े-बूढ़े, पशु-पक्षियों की सुरक्षा के लिए सवाल उठाया तो आपको क्या लगता है कि हमने गलत किया? जूही ने अपने वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा- 'यह समय के बारे में था। मैं आपको फैसला करने दूंगी कि क्या यह पब्लिसिटी स्टंट था।'
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने इसी साल जून में उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की थी और कहा था कि मुकदमा ‘पब्लिसिटी के लिए’ प्रतीत होता है।