Hindi Diwas: हिंदी दिवस पर पढ़ें ऐसे बॉलीवुड डायलॉग्स, जो हमारी जिंदगी का बन गए हिस्सा
आज के खास मौके पर हम आपको कुछ ऐसे हिंदी डायलॉग्स बताते हैं, जो सुपर हिट साबित हुए और दर्शकों ने इन हिंदी डायलॉग्स को खूब एन्जॉय किया और अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा सा बना लिया।

Hindi Diwas 2022: 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। आज के खास दिन पर स्कूल से लेकर कॉलेज और ऑफिसिस में भाषा के महत्व को प्रदर्शित करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं। बता दें कि आजादी के बाद संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था और इसी दिन के बाद से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी सिनेमा बीते लंबे वक्त से हमारी राजभाषा में फिल्में- सीरीज आदि बना रहा है और आज के खास मौके पर हम आपको कुछ ऐसे हिंदी डायलॉग्स बताते हैं, जो सुपर हिट साबित हुए और दर्शकों ने इन हिंदी डायलॉग्स को खूब एन्जॉय किया और अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा सा बना लिया।
- कहते हैं अगर किसी चीज़ को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है।
- पिक्चर तो अभी बाकी है मेरे दोस्त
- मोगैम्बो खुश हुआ।
- मैं सिर्फ मनी भाई के लिए काम करता हूँ।
- कितने आदमी थे ??
– होली कब है ? कब है होली ??
- डॉन का इंतज़ार तो ग्यारह मुल्कों की पुलिस कर रही है.. डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
- मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता।
- सारा शहर मुझे लायन के नाम से जानता है।
- कौन कमबख्त बर्दाश्त को लिए पीता है ? मैं तो पीता हूँ कि बस सांस ले सकूं।
- बड़े बड़े देशों में ऐसी छोटी छटी बातें होती रहती हैं।
- मेरे बेटे आएंगे, मेरे करण- अर्जुन आएंगे, ज़मीन की छाती फाड़ के आएंगे, आसमान का सीना चीर के आएंगे।
- एक मच्छर आदमी को हिजड़ा बना देता है।
- मैं जो बोलता हूँ वो मैं करता हूँ और मैं जो नहीं बोलता, वो मैं डेफिनेटली करता हूँ।
- तारीख पे तारीख मिलती रहती है लेकिन इन्साफ नहीं मिलता। मिलते हैं तो सिर्फ तारीख।
- बच्चा क़ाबिल बनो, काबिल.. कामयाबी तो साली झक मारके पीछे भागेगी।
- जहां पना तुसी ग्रेट हो तोफो कबूल करो।
- दोस्ती का एक उसूल है मैडम- नो सॉरी, नो थैंक यू।
- हमको मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं, हमसे ज़माना खुद है, ज़माने से हम नहीं।
- जब लोग तुम्हारे खिलाफ बोलने लगे.. समझ लो तरक्की कर रहे हो।
- जिनके घर शीशे के होते हैं, वो बत्ती बुझा के कपडे बदलते हैं।
- रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं, नाम है शहंशाह।
- एक बार जो मैंने कमिटमेंट कर दी, उसके बाद तो मैं ख़ुद की भी नहीं सुनता।
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