शर्मिला टैगोर पति मंसूर नहीं अपने नाम पर खरीदती थीं कारें और घर, बोलीं- इस्लाम में इजाजत नहीं होती कि…
- शर्मिला टैगोर ने जब कमाना शुरू किया तब 16-17 साल की थीं। उन्होंने बताया कि शादी के बाद वह जो भी खरीदतीं वह सिर्फ उनके नाम पर होता था। उनके पति भी अपनी संपत्ति अपने नाम पर रखते थे।
शर्मिला टैगोर ने अपने जमाने की जानी-मानी एक्ट्रेस रही हैं। उन्होंने नाम, पैसा और शोहरत सब कुछ कमाया। शर्मिला ने क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी से शादी की थी। एक पॉडकास्ट में उन्होंने अपनी संपत्ति से जुड़ी इंट्रेस्टिंग बात बताई। शर्मिला ने बताया कि वह कार, घर कुछ भी खरीदती थीं वो उनके नाम पर ही होता था। बताया कि इस्लाम में वसीयत नहीं कर सकते इस वजह से काफी सोच-विचार भी करना पड़ा क्योंकि शर्मिला और उनके शौहर के पास काफी जमीन थी।
शर्मिला ने अपने नाम पर लिया सब कुछ
शर्मिला टैगोर पैसा वैसा पॉडकास्ट में बात कर रही थीं। साथ में उनकी बेटी सोहा भी थीं। शर्मिला ने बताया कि उनके और पति के बीच कुछ भी साझे में नहीं था। शर्मिला बोलीं, मैंने जो कुछ खरीदा, जैसे घर, गाड़ी, गहने... सब मेरे ही नाम पर था। इसमें किसी का हिस्सा नहीं था, न ही मेरे पति के नाम पर थे। जो टाइगर (शर्मिला के पति) के पास था वो उनके नाम पर था, जाहिर सी बात है कि उन्होंने वसीयत बनाई थी।
इस्लाम में नहीं बनाते वसीयत
शर्मिला ने कहा कि इस्लाम में वसीयत बनाने की इजाजत नहीं लेकिन उनको ऐसा करना पड़ा। शर्मिला बोलीं, इस्लाम में हमें वसीयत बनाने की इजाजत नहीं है तो आपको सोचना पड़ता है। आप इसे उन्हें दे सकते हैं जो आपके वारिस नहीं हैं, लेकिन वारिसों को नहीं दे सकते। 25 फीसदी, 50 फीसदी ऐसा कुछ चलता है। इसलिए इस चीज को बहुत अच्छी तरह समझा जाना था।
कम उम्र में कमाना शुरू किया था
शर्मिला आगे बताती हैं, हमारे पास काफी सारी जमीन थी, जिसकी देखभाल होनी थी और ये देखना था कि किसके नाम पर हो... मेरे 3 बच्चे हैं। यह ध्यान रखा कि सब सही जाए। शर्मिला ने बताया कि उन्होंने काफी छोटी उम्र में कमाना शुरू कर दिया था। तब चीजें बहुत कम महंगी थीं। तब वह सिर्फ लैंड और जूलरी में ही इनवेस्ट करना चाहती थीं। शर्मिला ने कहा कि वक्त का भरोसा नहीं है इसलिए सब कुछ लिखित में होना चाहिए।