Do Aur Do Pyaar Review: प्यार, धोखे और मॉर्डन रिश्तों में उलझी है दो और दो प्यार, विद्या बालन हैं इस रॉमकॉम की जान
- अगर आप मॉडर्न डे में उलझे रिश्तों और शादीशुदा जिंदगी के संघर्ष की वास्तविकता देखना चाहते हैं तो यह फिल्म आपको पसंद आएगी। यह रॉमकॉम आपको हंसाएगी। विद्या बालन ने इस फिल्म में बहुत ही ईमानदारी से अपने रोल को निभाया है। वहीं, प्रतीक गांधी ने अपनी एक्टिंग से एक बार फिर दर्शकों को सप्राइज किया है।
कास्ट: विद्या बालन, प्रतीक गांधी, इलियाना डी'क्रूज़, सेंधिल राममूर्ति
डायरेक्टर: शीर्षा गुहा ठाकुरता
शीर्षा गुहा ठाकुरता द्वारा निर्देशित फिल्म 'दो और दो प्यार' आज यानी 19 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। यह फिल्म रिलेशनशिप में प्यार, धोखे, बेवफाई, सेक्स और कॉन्फ्लिक्ट पर खुलकर बात करती है। शीर्षा गुहा की डेब्यू फिल्म मॉडर्न डे रिलेशनशिप और उससे जुड़ी दुविधाओं को दर्शाती है.
शादीशुदा जीवन के संघर्ष की वास्तविकता को दर्शाती है फिल्म
2 घंटे 12 मिनट की यह फिल्म रिलेशनशिप और शादीशुदा जीवन के संघर्ष की वास्तविकता को बहुत ही अच्छे ढंग से प्रदर्शित करती है. इस फिल्म में इमोशनल ड्रामा के साथ-साथ आपको कॉमेडी का डोज भी मिलेगा। वहीं, अगर इस फिल्म के डायलॉग्स की बात करें तो इन्हें लिखा है अमृता बागची ने। फिल्म के डायलॉग बिना ओवर द टॉप लगे दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं और आपको हंसाते हैं।
कहानी में क्या है खास
दो और दो प्यार कहानी है काव्या गणेशन (विद्या बालन) और अनिरुद्ध बनर्जी (प्रतीक गांधी) की। काव्या और अनिरुद्ध की शादीशुदा जिंदगी पर बात करती ये फिल्म दर्शकों को बेहद पसंद आनेवाली है। फिल्म में दिखाया गया है कि काव्या और अनिरुद्ध तीन साल की डेटिंग के बाद पिछले 12 सालों से शादी के रिश्ते में बंधे हुए हैं।
दोनों की शादीशुदा जिंदगी में तमाम तरह की परेशानियां भी दिखाई गई हैं। इस फिल्म में एक सीन है जहां हम काव्या को चिल्लाते हुए सुनते हैं कि उसे अनिरुद्ध की फेवरेट डिश 'बैंगन पोस्तो' से नफरत है, तो वहीं, अनिरुद्ध को इस बारे में शिकायत करते देखते हैं कि कैसे उसे काव्या के स्टेलेस स्टील बर्तनों से परेशानी है। फिल्म में ये बताया गया है कि कैसे 12 साल की ये शादी इस मोड़ पर पहुंची है।
इस फिल्म में दोनों ही किरदारों को एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर करते दिखाया गया है। काव्या एक हॉट फोटोग्राफर विक्रम (सेंधिल राममूर्ति) के साथ सपने बुन रही है, जो न्यूयॉर्क में सब कुछ छोड़ चुका है और चाहता है कि काव्या उसके साथ एक सी फेसिंग अपार्टमेंट में रहे। वहीं, अनिरुद्ध को थिएटर कलाकार नोरा उर्फ रोज़ी (इलियाना डी'क्रूज़) से एक्स्ट्रा मैरिटल करते दिखाया गया है। इस फिल्म में दोनों ही किरदारों पर अपने-अपने पार्टनर से सच कबूलने के प्रेशर को दिखाया गया है। काव्या और अनिरुद्ध इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए।
उनकी शादी में अब कुछ नहीं बचा है, ये जानने के बाद भी दोनों किरदार एक अंतिम संस्कार में अपने रोमांस को फिर से जगाते हैं। दर्शकों के लिए ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या उन्हें इसका अफसोस है? या क्या इससे उन्हें एक बार फिर करीब आने में मदद मिलती है? क्या वे धोखा देना जारी रखेंगे? या क्या उनका रिश्ता और भी उलझ जाएगा?
कैसी है कलाकारों की परफॉर्मेंस?
विद्या बालन ने इस फिल्म में अपना रोल बहुत ही ईमानदारी से निभाया है। उनकी हंसी संक्रामक है और कॉमिक टाइमिंग धमाकेदार है। वहीं, इमोशनल सीन्स में भी विद्या बालन प्रभावशाली नजर आई हैं। प्रतीक गांधी ने एक बार फिर अपनी परफॉर्मेंस से लोगों को सप्राइज किया है। प्रतीक का किरदार जितना इंटेंस दिखाया गया है, उतना ही केयरफ्री भी. सेंधिल अपनी एक्टिंग से इस फास्ट पेस्ड फिल्म में शांति लेकर आए हैं। वहीं, सेंधिल के एक्सप्रेशन्स दर्शकों को खुश कर सकते हैं। अगर इलियाना के किरदार की बात करें तो इनके किरदार के आर्क को और बेहतर तरीके से लिखा जा सकता था।
सुप्रतिम सेनगुप्ता और ईशा चोपड़ा द्वारा लिखी गई यह फिल्म मुख्य रूप से टूटी हुई शादियों और बेवफाई पर बात करती है, लेकिन इस फिल्म में एक पिता और बेटी के रिश्ते की खूबसूरती को भी दिखाया गया है। यह फिल्म एक बहुत ही परिपक्व और कुछ हद तक साहसी कहानी है जिसमे ह्यूमर का सही बैलेंस है। इसकी स्टोरीटेलिंग बेहद सिंपल पर प्रभावशाली है।
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