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Angry Young Man Review : हिन्दी सिनेमा की सच्चाई दिखाते हुए सलीम-जावेद ने सुनाई अपनी कहानी, देखें कैसी है एंग्री यंग मैन

सलीम खान और जावेद अख्तर की एंग्री यंग मैन रिलीज हो गई है। इस डॉक्यू सीरीज में दोनों की प्रोफेशनल लाइफ की कहानी दिखाई गई है।

Sushmeeta Semwal लाइव हिन्दुस्तानTue, 20 Aug 2024 05:40 AM
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सलीम खान और जावेद अख्तर की एंग्री यंग मैन रिलीज हो गई है। इस डॉक्यू सीरीज का इंतजार काफी समय से किया जा रहा था क्योंकि इसमें 2 उन राइटर्स की स्टोरी दिखाई गई है जिन्होंने साथ में कई सुपरहिट फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी और फिर दोनों की जोड़ी टूट गई थी। अब अगर आप भी इसे देखने का प्लान बना रहे हैं तो आपको बताते हैं कैसी है ये डॉक्यू सीरीज। इसमें हम न केवल सलीम खान और जावेद अख्तर को अपने काम पर व्यंग्यात्मक तरीके से नजर डालते हुए देखते हैं, बल्कि इसमें उनके बच्चों को भी कैमरे का सामना करते हुए दिखाया गया है। एक्टर सलमान खान, अरबाज खान, फिल्ममेकर फरहान अख्तर और जोया अख्तर उनके बारे में बात करते हैं, जोकि इस प्रतिष्ठित स्क्रीनराइटर के पीछे रहते थे। वह शख्स एक पति, एक बेटा और एक भाई भी था।

रिव्यू

इस डॉक्यूसीरीज की शुरुआत शानदार तरीके से होती है, जिसमें आमिर खान से लेकर रणवीर सिंह, ऋतिक रोशन से लेकर करण जौहर तक कई बॉलीवुड स्टार्स सलीम-जावेद के काम के बारे में काफी उत्साहित होकर बात करते हैं। धीरे-धीरे इस बात का जिक्र होता है कि कैसे इंडस्ट्री के बाहर के इन दो लोगों ने फिल्म इंडस्ट्री में अपना रास्ता बनाया, जबकि उनकी योजना स्क्रीनराइटर बनने की भी नहीं थी। इसमें उनके संघर्ष, मुंबई आने पर उन्हें जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, उनकी डर और उम्मीदें, इन सभी की वजह से ही एंग्री यंग मैन वाली घटना ने जन्म लिया।

कुछ दिलचस्प बातें

इसमें अमिताभ बच्चन की जंजीर में बॉलीवुड हीरो का एंग्री यंग मैन की तरह उभरना उत्साहपूर्ण तरीके से दिखाया गया है। शबाना आजमी भी इस बात की याद दिलाती हैं कि सलीम-जावेद की जोड़ी कैसे मिडिल क्लास की अधीरता, विद्रोह और सीधी सादी चिंताओं को भुनाने में कामयाब हुई। इन फिल्मों के कैरेक्टर्स ने भ्रष्ट व्यवस्था से नाराज लोगों को सीधे प्रभावित किया। इस सीरीज का जो सबसे दिलचस्प हिस्सा है वो ये कि जब दोनों स्क्रीनराइटर्स अपने बचपन और परिवार के बारे में बात करते हैं। डायरेक्टर नम्रता राव ने काफी सेंसिटिविटी और रिस्पेक्ट से इसे दिखाया है। इन सीन की पोजिशन काफी शानदार है जैसे 2 पहाड़ों में नदी होती है। उन ऊंचाइयों का सीन एक ही साल में आया जब दीवार और शोले 1975 में रिलीज हुई। ये दोनों फिल्में हिंदी सिनेमा की दिशा को हमेशा के लिए बदल देंगी और फिर से लिखेंगी।

राइटर्स का स्ट्रगल दिखाया

जितनी इसकी स्टोरीज दिलचस्प हैं, एंग्री यंग मैन थोड़ी ज्यादा रिजर्व हो जाती हैं। यहां तक की स्क्रीनराइटर्स जैसे वरुण ग्रोवर, जयदीप साहनी और जूही चतुर्वेदी ने बताया है कि इंडस्ट्री में कैसे राइटर्स के साथ बिहेव किया जाता है। इस डॉक्यूमेंट्री की वास्तविक अनकही कहानी यह हो सकती है कि इन दो राइटर्स ने अकेले जाने के बाद अपने करियर को कैसे आकार दिया।

एंग्री यंग मेन उस छाप की एक आकर्षक याद दिलाता है जो इन दो लोगों ने भारतीय सिनेमा के कैनवास पर छोड़ी थी और निश्चित रूप से इसे सलीम-जावेद के प्रशंसकों के लिए एक उपहार की तरह महसूस करना चाहिए।

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