जोया अख्तर ने समाज के दोगलेपन पर उठाए सवाल, कहा- फिल्म में रेप दिखा सकते हैं, लेकिन किस नहीं
जोया अख्तर ने फिजिकल इंटिमेसी पर बात की। उन्होंने कहा कि फिल्मों में कंसेंशुअल इंटिमेसी दिखाना बहुत जरूरी है।
जावेद अख्तर की बेटी और फिल्ममेकर जोया अख्तर का मानना है कि फिजिकल इंटिमेसी पर सेंसरशिप नहीं होनी चाहिए। उन्होंने इसका कारण भी बताया। इतना ही नहीं, उन्होंने समाज की सोच पर सवाल उठाते हुए ये भी कहा कि आप बच्चों को फिल्म में औरतों को पिटते हुए और उनका रेप होते हुए दिखा सकते हैं, लेकिन किस नहीं दिखा सकते?
क्या बोलीं जोया?
जोया अपने पिता जावेद के साथ इंडियन एक्सप्रेस के कार्यक्रम में पहुंची। उन्होंने सेंसरशिप पर बात करते हुए कहा कि फिजिकल इंटिमेसी पर किसी भी तरह के सेंसरशिप की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “फिजिकल इंटिमेसी पर सेंसरशिप हटा देनी चाहिए। हां! अगर सेंसरशिप हटा दी जाएगी तो बहुत सारे लोग ऐसी-ऐसी चीजें दिखाएंगे जो सही नहीं होंगी, लेकिन मुझे लगता है कि स्क्रीन पर कंसेंशुअल इंटिमेसी (आपसी सहमती से बनाए गए संबंध) को दिखाना बहुत जरूरी है। मैं चाहती हूं कि बच्चे जब बड़े हो तब वे कंसेंशुअल इंटिमेसी को देखकर बड़े हो।”
जोया ने समझाई अपनी बात
जोया आगे कहा, “मैं जिस सिनेमा को देखकर बड़ी हुई हूं उस सिनेमा में महिलाओं को धमकाने, पीटने, परेशान करने और रेप करने वाले सीन दिखाए जाते थे। अजीब बात ये थी कि बच्चों को वो सीन्स देखने की अनुमति थी, लेकिन किस वाले सीन्स देखने की अनुमति नहीं थी…मुझे लगता है कि बच्चों को ऐसे सीन्स देखने की अनुमति देने की बजाए दो लोगों के बीच का प्यार वाले और कंसेंशुअल इंटिमेसी वाले सीन्स देखने की अनुमति देनी चाहिए क्याेंकि ये बहुत जरूरी है।”
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