Hindi Newsएंटरटेनमेंट न्यूज़बॉलीवुडThrowback Javed Akhtar being a muslim wears punjabi kada reveals his friend gifted him it will be with him till death

जावेद अख्तर ने पिछले 60 सालों से क्यों संभालकर रखा है सिखों का ये प्रतीक? बोले- मौत तक मेरे साथ रहेगा

  • जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने पिछले 60 सालों से सिखों के 5 ककार में से एक ककार को संभालकर रखा है।

Vartika Tolani लाइव हिन्दुस्तानTue, 13 Aug 2024 07:17 PM
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आज हम आपको हिंदी सिनेमा के जाने-माने स्क्रीन राइटर और लिरिसिस्ट जावेद अख्तर का किस्सा सुनाने जा रहे हैं। फिक्र मत कीजिए! ये किस्सा, उन किस्सों से बहुत अलग है जो आप आज तक जावेद अख्तर के बारे में सुनते आ रहे हैं। दरअसल, ये बात तब की है जब जावेद अख्तर 16 साल के थे। जावेद अख्तर ने अपने घर से रिश्ता तोड़ लिया था। ऐसे में उनके पास न रहने के लिए कोई जगह थी और न ही पढ़ने के लिए पैसे थे। 

दोस्त ने की मदद

जब ये बात उनके दोस्त मुश्ताक सिंह को पता चली तब उन्होंने जावेद को अपने पास बुलाया और कहा, ‘जब तक कोई इंतजाम नहीं होता है मेरे साथ रह लो।’ जावेद अख्तर तीन साल तक मुश्ताक के साथ रहे। उनके कॉलेज की फीस और खाने-पीने का खर्चा भी मुश्ताक ने ही उठाया। लेकिन, 1964 में दोनों को अलग हो गए।

क्यों हुए अलग?

दरअसल, ग्रेजुएट होने के बाद जावेद अख्तर ने मुंबई शिफ्ट होने का निर्णय लिया। वहीं मुश्ताक ने ग्लासगो (स्काटलैंड) जाने का फैसला लिया। ऐसे में बिछड़ने से पहले जब जावेद और मुश्ताक की मुलाकात हुई तक मुश्ताक ने अपने हाथ से कड़ा निकालकर जावेद के हाथ में पहना दिया। उस बात को 60 साल हो गए हैं। जावेद अख्तर ने आज तक उस कड़े को अपनी कलाई से अलग नहीं किया। आज भी वह अपने दोस्त के कड़े को अपनी कलाई पर सजाकर रखते हैं। जब जावेद से इस कड़े के बारे में पूछा गया था तब उन्होंने ‘वी आर युवा’ को दिए इंटरव्यू में कहा था, “मेरी मौत तक ये कड़ा मेरे साथ रहेगा।” बता दें, कड़ा सिखों के पांच प्रतीक में से एक होता है। 

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