महिलाओं के ‘यौन शौषण वाली रिपोर्ट’ पर भड़कीं एक्ट्रेस, कहा- नाना पाटेकर और दिलीप जैसे लोगों...
- बॉलीवड एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने हेमा समिति की रिपोर्ट पर नाराजगी जाहिर की है। इसी के साथ उन्होंने एक बार फिर नाना पाटेकर के खिलाफ बातें कही हैं।
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न पर जस्टिस के हेमा समिति ने अपनी रिपोर्ट रिलीज कर दी है। यह रिपोर्ट सोमवार को सामने आई है। रिपोर्ट के सामने आते ही इसपर चर्चा भी तेज हो गई। नाना पाटेकर पर मीटू का आरोप लगाने वालीं एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने इस रिपोर्ट पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि उन्हें ये कमेटी और रिपोर्ट्स समझ में नहीं आती हैं। इसी के साथ उन्होंने नाना पाटेकर और एक्टर दिलीप पर भी गुस्सा जाहिर किया है।
क्या है के हेमा समिति रिपोर्ट?
साल 2017 में मलयालम फिल्मों की फेमस एक्ट्रेस अपनी कार से कोच्चि जा रही थीं। उस दौरान उन्हें अगवा करके, उन्हीं की कार में उनका यौन उत्पीड़न किया गया था। मलायलम एक्टर दिलीप इस केस में एक आरोपी थे। इस घटना के बाद ही मलायलम फिल्म इंडस्ट्री में महिला कलाकारों की सुरक्षा, काम की शर्तों को लेकर आवाज उठने लगी। इसी के बाद, घटना के पांच महीने बाद केरल हाईकोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस हेमा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठिन किया था।
अब इसी कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया है। 235 पन्नों की इस रिपोर्ट में महिलाओं के खिलाफ शोषण के 17 रूपों को उजागर किया गया है। इनमें वेतन असमानता, बलात्कार की धमकियां और अनचाही यौन टिप्पणियां शामिल हैं।
समिति के बारे में क्या बोलीं तनुश्री दत्ता
न्यूज 18 से खास बातचीत में तनुश्री ने कहा, "ये रिपोर्ट्स और समिति मुझे समझ नहीं आती हैं। मुझे लगता है ये फालतू हैं। साल 2017 में क्या हुआ था, उस चीज पर रिपोर्ट बनाने में उन्हें सात साल लगे?" तनुश्री ने विशाखा कमेटी (इसका उद्देश्य कार्यस्थलों पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न रोकना है) की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक नई रिपोर्ट का प्वाइंट क्या है? उन्हें बस आरोपी को गिरफ्तार करना था और कड़ा कानून और सिस्टम लागू करने की जरूरत थी।
नाना पाटेकर पर क्या बोलीं तनुश्री दत्ता
तनुश्री ने आगे कहा कि मुझे याद है मैनें विशाखा कमेटी के बारे में सुना था जो बहुत सारी गाइडलाइंस के साथ तैयार की गई थी, लेकिन उसके बाद क्या हुआ? बस कमेटी के नाम बदलते रहते हैं। तनुश्री ने आगे कहा, “ नाना (नाना पाटेकर) और दिलीप जैसे लोग नार्सिस्टिक साइकोपैथ हैं। ऐसे लोगों का कोई इलाज नहीं है। केवल एक दुष्ट और प्रतिशोधी व्यक्ति ही वह कर सकता है जो इन लोगों ने किया है। मुझे इन समितियों की परवाह नहीं है। मुझे सिस्टम पर भरोसा नहीं है। ऐसा लगता है कि इन समितियों और रिपोर्ट्स से ये असल काम करने की बजाय हमारा वक्त बर्बाद कर रहे हैं।"
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