राजकुमार राव की स्ट्रगल स्टोरी, जब जेब में बचे थे सिर्फ 18 रुपये, पार्लेजी खाकर हो जाता था लंच
- Rajkummar Rao: राजकुमार राव ने एक पॉडकास्ट में फेम मिलने से पहले उनकी लाइफ का सबसे मुश्किल मोमेंट बताया कि कैसे उनकी जिंदगी में एक वक्त वो भी था जब वो सिर्फ एक पार्लेजी बिस्कुट और फ्रूटी पीकर लंच कर लिया करते थे।
बॉलीवुड एक्टर राजकुमार राव की फिल्म 'श्रीकांत' बीते शुक्रवार को बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हो गई है। फिल्म को काफी प्यार मिल रहा है। राजकुमाव राव फिर एक बार अपने उसी जाने-पहचाने अंदाज में नजर आ रहे हैं। राजकुमार राव ने एक पॉडकास्ट में बताया कि कैसे फेम मिलने से पहले वो एक पार्लेजी बिस्कुट का पैकेट और फ्रूटी पीकर लंच कर लिया करते थे। उन्होंने अपने स्ट्रगल की कहानी सुनाते हुए बताया कि यूं तो उनकी मां उनकी मदद करती थीं, लेकिन कैसे एक वक्त था जब उनकी जेब में सिर्फ 18 रुपये बचे थे। राजकुमार राव ने इसे फेम मिलने से पहले का उनका सबसे मुश्किल वक्त बताया।
राजकुमार को हमेशा मिला इस शख्स का सपोर्ट
राजकुमार राव से जब पूछा गया कि उन्हें फेम मिलने से पहले का सबसे मुश्किल मोमेंट क्या था? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "फेम मिलने से पहले का सबसे मुश्किल मोमेंट फिनांशियल ही था मुझे लगता है। इसके अलावा काम ना मिलना तो था ही जाहिर तौर पर। कि 2 साल तक आराम नगर, लक्ष्मी टाउन... जहां भी थोड़ा आइडिया लगता था कि ऑडिशन हो रहे हैं, वहां पर पहुंच जाता था मैं। लेकिन मां ने बहुत सपोर्ट किया। लेकिन मां ने बहुत सपोर्ट किया। जब भी लगता था कि कुछ नहीं हो रहा है तो मैं बोलता था। तब वो कहीं ना कहीं से करके कुछ भेज देती थीं कि 5 हजार रुपये डाल दिए।"
सिर्फ 12 रुपये में कैसे लंच कर लेते थे राजकुमार?
राजकुमार राव ने बताया, "एक बार मुझे याद है कि मेरे अकाउंट में कुछ 18 रुपये ही बचे थे, वो भी मुंबई जैसे शहर में। फिर मुझे लगा कि अब क्या होगा। क्योंकि वैसे भी पैसे बहुत बचाकर चलता था मैं। हम तीन लोग एक ही फ्लैट में रहते थे। मैं अपना लंच स्किप कर देता था। मैं एक चार रुपये का पार्लेजी लेता था। तब पता नहीं था कि डायटिंग-वायटिंग क्या होती है। तो पता नहीं था कि पार्लेजी रोज नहीं खाना चाहिए। उस पार्लेजी को मैं एक छोटे कोक या फ्रूटी के साथ खा लेता था वही मेरा लंच होता था।"
जब राजकुमार की जेब में बचे थे सिर्फ 18 रुपये
राजकुमार राव ने बताया कि इस तरह से वह सिर्फ 12 रुपये में अपना लंच कर लेते थे। तो जब सिर्फ 18 रुपये बचे तो मैं डर गया कि अब क्या होगा। लेकिन मैं फिल्म इंस्टीट्यूट से हूं तो हमारे बहुत सारे सीनियर जूनियर होते हैं तो किस्मत से हम उन्हें फोन कर सकते थे कि क्या कर रहे हो, डिनर बन गया क्या तुम्हारे यहां? मैं आ जाऊं क्या? राजकुमार राव ने कहा कि वो दिन उन्हें आज भी याद है। कि सिर्फ 18 रुपये थे अकाउंट में और सोच रहा था कि आज का डिनर और कल का ब्रेकफास्ट कैसे होगा।
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