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जब मुंबई बम धमाकों को लेकर संजय दत्त ने शिवाजी से बताई थी दिल की बात, कहा था- बैग आया और मैं...

सीआईडी फेम शिवाजी साटम अपने रोल एसीपी प्रद्युम्न के लिए जाने जाते हैं। अब शिवाजी ने उस दौरान के बारे में बताया जब संजय दत्त 1993 में मुंबई ब्लास्ट केस में फंस गए थे।

Sushmeeta Semwal लाइव हिन्दुस्तानSat, 5 Oct 2024 09:33 PM
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सीआईडी में एसीपी प्रद्युम्न का रोल निभाने वाले एक्टर शिवाजी साटम ने हाल ही में संजय दत्त के बारे में कुछ पुरानी बातों को याद किया है। उन्होंने कहा कि कैसे 1993 मुंबई धमाकों से जुड़े आरोपों के बीच संजय दत्त ने उन्हें शूटिंग और कोर्ट में लंबी चलने वाली सुनवाइयों के बीच दिल छू लेने वाली बात बताई थी। बता दें कि संजय दत्त पर 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों को लेकर गंभीर आरोप लगे थे। हालांकि, बाद में उन्हें संबंधित आरोपों से बरी कर दिया गया था, लेकिन अवैध हथियार रखने के चलते उन्हें छह आर्म्स एक्ट में छह साल की सजा सुनाई गई थी।

दिन में सुनवाई के लिए जाते थे और रात में शूटिंग

फ्राइडे टॉकीज से बात करते हुए शिवाजी ने उस फिल्म की शूटिंग को याद किया, जिसमें एक्टर ने कैमियो रोल किया था। उन्होंने कहा कि संजू को उस फिल्म की शूटिंग के दौरान कोर्ट जाना पड़ता था। मैंने उस फिल्म में एक बेटी की भूमिका निभाई थी, जिसकी आखिरी इच्छा संजय दत्त को देखने की होती है। वह दिन में कोर्ट की सुनवाइयों में जाते थे और फिर उसे खत्म करके देर रात दो बजे फिल्म की शूटिंग के लिए आते। इसके बाद हमने वास्तव में काम किया। संजू मासूम था, उस समय भी उसमें उसके स्टार होने वाली फीलिंग्स नहीं आई थी।

संजय ने क्या कहा था

शिवाजी ने बताया कि संजय दत्त ने उनसे हमेशा कहा था कि जो हथियारों से भरा हुआ बैग मिला था, वह उनके लिए प्लांट किया गया था। वास्तव के दौरान की बातों को याद करते हुए शिवाजी ने कहा, 'वह असल में काफी कमजोर हैं। मुझे याद है कि वह कहते थे कि शिवा अब क्या करें यार, ये बैग आया, मैं फंस गया। इस पर मैं उससे कहता था कि बाबा कुछ नहीं होगा, तू ऐसे ही रहना। हमने साथ में चार से पांच फिल्में कीं। वह काफी अच्छे और बड़े दिल वाले व्यक्ति हैं।'

सीआईडी एक्टर ने बताया कि उन्होंने संजय दत्त और कुछ अन्य दोस्तों को खाने के लिए इनवाइट किया था। उस समय संजय सबसे लेटेस्ट मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे थे। इस पर मेरी नजर गई और मैंने उसकी तारीफ की। बाद में जब लंच खत्म हुआ तो संजय ने मोबाइल का सिम कार्ड निकाला और डिवाइस मुझे दे दी। संजय ने कहा कि इसे रख लो, मेरे पास एक और है। बता दें कि संजय दत्त ने 1981 में रॉकी फिल्म के साथ बॉलीवुड इंडस्ट्री में डेब्यू किया था। वास्तव फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था।

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